कोच्चि: केरल के एक प्रभावशाली कैथोलिक चर्च ने यह कहकर बहस की शुरुआत कर दी कि “लव जेहाद एक हकीकत है” और आरोप लगाया कि दक्षिणी राज्य में ईसाई समुदाय की कई महिलाओं को इस्लामिक स्टेट के जाल में फंसाया जा रहा है और उनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिये हो रहा है। कैथोलिक बिशप की सर्वोच्च संस्था द सायनॉड ऑफ साइरो-मालाबार की कार्डिनल जॉर्ज एलनचेरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य पुलिस पर मामले को गंभीरता से नहीं लेने और ‘लव जिहाद’ के मामलों पर समय से कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।
इन आरोपों को खारिज करते हुए इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने इस बयान के “समय” पर सवाल उठाते हुए चर्च से अनुरोध किया कि वह इसे तत्काल वापस ले क्योंकि इससे “फासीवादी हिंदुत्व के खिलाफ समाज के विभिन्न वर्गों में बढ़ती एकजुटता के विभाजन में मदद मिलेगी।” विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने चर्च के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि केरल समाज में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ साझा लड़ाई का आह्वान किया।
केरल राज्य महिला आयोग के एक अधिकारी ने इस मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पुलिस और सरकार की तरफ से भी इस मामले पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। सायनॉड ने साइरो-मालाबार मीडिया कमीशन के जरिये मंगलवार रात यहां जारी एक बयान में आरोप लगाया, “ऐसी परिस्थितियां हैं जिनमें केरल में लव जिहाद के नाम पर ईसाई लड़कियां मारी गई हैं।” सायनॉड ने कहा कि यह चिंता की बात है कि केरल में लव जिहाद का आधार बढ़ रहा है जो सामाजिक शांति और सांप्रदायिक सौहार्द के लिये खतरा है।