तिरुवनंतपुरम: केरल में कैथोलिक चर्च ने भविष्य में अपने आधिकारिक संप्रेषण और धार्मिक उपदेशों के दौरान ‘संभलकर बोलने’ का निर्णय किया है जिससे कि अन्य समुदाय और पंथों के लोग आहत न हों तथा समाज में असहज स्थिति उत्पन्न न हो। कोच्चि में बुधवार को आयोजित केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (KCBC) की बैठक में यह फैसला किया गया, ताकि एक बिशप की ‘लव और नार्कोटिक जिहाद’ संबंधी टिप्पणी से उत्पन्न विवाद को विराम दिया जा सके। चर्च के अधिकारी ने कहा कि चर्च सभी तरह की सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए अपना दायित्व भी निभाता रहेगा।
अधिकारी ने कहा कि चर्च के बयान, प्रतिक्रियाएं और संबोधन उचित मंच पर चर्चा और अध्ययन के बाद ही सार्वजनिक किए जाएंगे। बिशप की टिप्पणी से उत्पन्न विवाद के बाद अधिकारी ने इस तरह की अपनी पहली टिप्पणी में कहा, ‘भविष्य में हमारे बयान, प्रतिक्रियाएं और संबोधन संभलकर बोलने वाले रहेंगे। हम अत्यंत सतर्क रहेंगे क्योंकि हम दूसरे समुदायों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते। चर्च सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखकर हमेशा खुलेपन और समाज के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को मजबूत करने का पैरोकार रहा है।’
अधिकारी ने कहा कि साइरो-मालाबार चर्च के पाला डायोसिस के बिशप द्वारा की गई ‘लव और नार्कोटिक जिहाद’ संबंधी टिप्पणी से उत्पन्न विवाद को चर्च ने ‘आंखें खोलने वाले’ घटनाक्रम के रूप में देखा है क्योंकि मीडिया के एक तबके ने इसकी गलत व्याख्या की और नेताओं ने इसका इस्तेमाल अपने संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करना चाहा। पाला डायोसिस के बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने कोट्टायम के नजदीक कुरविलंगाद में एक प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए हाल में कहा था कि केरल में ईसाई लड़कियों को ‘लव और नार्कोटिक जिहाद’ का शिकार बनाया जा रहा है।
कल्लारंगत ने कहा था कि जो चीज हथियार नहीं कर सकते, वह चीज चरमपंथी युवाओं को बर्बाद करने के लिए कर रहे हैं। उनकी इस टिप्पणी पर विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई थी तथा इससे CPM, कांग्रेस और BJP के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया था। कांग्रेस ने जहां बिशप की निन्दा की थी, वहीं बीजेपी ने उनकी टिप्पणी का समर्थन किया था और राज्य की वाम मोर्चा सरकार पर हमला बोला था। केरल के सीएम पिनराई विजयन ने बिशप की टिप्पणी को खारिज किया था और कहा था कि राज्य में धर्मनरिपेक्षता का ताना-बाना मजबूत है तथा इसे खराब करने वालों के खिलाफ समाज कड़ा रुख अपनाएगा।