Monday, December 23, 2024
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पत्नी की प्रताड़ना से 21 किलो घट गया पति का वजन! कोर्ट ने तलाक के निर्णय को दी मंजूरी

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने तलाक के एक ऐसे निर्णय को अपनी मंजूरी दी है जिसमें एक अपाहिज पति ने अपनी पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था और कहा था कि पत्नि की प्रताड़ना की वजह से उसका वजन 21 किलो घट गया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : September 09, 2021 16:53 IST
पत्नी की प्रताड़ना से...
Image Source : FILE PHOTO पत्नी की प्रताड़ना से 21 किलो घट गया पति वजन! कोर्ट ने तलाक के निर्णय को दी मंजूरी

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने तलाक के एक ऐसे निर्णय को अपनी मंजूरी दी है जिसमें एक अपाहिज पति ने अपनी पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था और कहा था कि पत्नि की प्रताड़ना की वजह से उसका वजन 21 किलो घट गया। पति ने कोर्ट में कहा था कि पहले उसका वजन 74 किलो होता था और पत्नी के अत्याचार की वजह से वह घटकर 53 किलो रह गया। हिसार फैमिली कोर्ट ने पति और पत्नी के बीच तलाक का फैसला सुनाया था जिसे पत्नी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी लेकिन अब पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी हिसार कोर्ट के निर्णय को मान्यता दी है।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार पत्नी की याचिका को रद्द करते हुए उच्च न्यायालय ने पत्नी द्वारा पति पर लगाए आपराधिक मामलों और शिकायतों को झूठा बताया और कहा कि ऐसे मामलों की वजह से पति को मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है, पत्नी ने दहेज मांग का भी आरोप लगाया था जो कोर्ट में झूठा साबित हुआ। हिसार कोर्ट ने 27 अगस्त 2019 को पति और पत्नी के बीच तलाक को मंजूदी दे दी थी जिसे पत्नी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

संबंधित मामले के पति और पत्नी की शादी अप्रैल 2012 में हुई थी और दोनों की एक बेटी भी है। कोर्ट में पति ने अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि उसकी पत्नि गुस्सैल स्वभाव की है और उसने कभी भी ससुराल में मेल मिलाप का प्रयास नहीं किया। पति ने कहा था कि पत्नी छोटी छोटी बातों पर झगड़ना शुरू कर देती थी और उस वजह से उसे अपने परिवार के सामने शर्मिंदा होना पड़ता था लेकिन इसके बावजूद वह यह सोचकर चुप रहता था कि आगे चलकर सब ठीक हो जाएगा। पति ने कहा था कि उसके तमाम प्रयासों के बावजूद पत्नी के स्वभाव में बदलाव नहीं हुआ और उसे पत्नी की वजह से मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ा। कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए पत्नी ने भी कहा था कि उसने अपनी सभी व्यावाहिक जिम्मेदारियों का पालन किया है लेकिन पति ने कभी भी उसके साथ सम्मान और प्यार का बर्ताव नहीं किया।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इस मामले में सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने पाया था कि पत्नी 2016 में अपने अपाहिज पति और बेटी को ससुराल में छोड़कर चली गई थी और उसके बाद कभी भी उनके साथ मिलने का प्रयास नहीं किया। कोर्ट ने यह भी पाया कि ससुराल पक्ष की तरफ से कभी भी दहेज की मांग नहीं की गई थी और ससुराल पक्ष ने तो महिला की उच्च शिक्षा तक का खर्च उठाया था। कोर्ट ने पाया कि महिला ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराई थी।

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