Friday, November 22, 2024
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लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों एवं स्मृति ईरानी में तीखी नोकझोंक, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल के दौरान उन्नाव की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि आज हम एक तरफ राम मंदिर बनाने जा रहे हैं तो दूसरी तरफ देश में ‘सीताएं जलाई जा रही हैं।’

Reported by: Bhasha
Published on: December 06, 2019 17:11 IST
Smriti Irani - India TV Hindi
Image Source : PTI Woman and Child Welfare Minister Smriti Irani speaks in the Lok Sabha during the Winter Session of Parliament

नई दिल्ली। उन्नाव में बलात्कार पीड़िता को जलाये जाने की घटना पर चर्चा के दौरान शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस के कुछ सदस्यों और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच तीखी नोंकझोक हुई। सत्ता पक्ष ने ‘‘धमकी भरे लहजे में पेश आने’’ के लिए मुख्य विपक्षी दल के दो सदस्यों टी एन प्रतापन एवं डीन कुरियाकोस से माफी मांगने और ऐसा नहीं करने पर उन्हें निलंबित करने की मांग की।

कांग्रेस के इन सदस्यों के सदन में मौजूद नहीं रहने और सत्तारूढ़ सदस्यों द्वारा माफी की मांग पर अड़े रहने के बीच लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर करीब 45 मिनट पर सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

दरअसल, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल के दौरान उन्नाव की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि आज हम एक तरफ राम मंदिर बनाने जा रहे हैं तो दूसरी तरफ देश में ‘सीताएं जलाई जा रही हैं ।’ इस पर पलटवार करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बलात्कार जैसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। स्मृति ने ऐसी घटनाओं को लेकर कांग्रेस के साथ साथ तृणमूल कांग्रेस पर भी निशाना साधा।

स्मृति के बयान का कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने कड़ा विरोध किया और इनके बीच तीखी नोकझोंक हो गयी। कांग्रेस के सदस्य टी एन प्रतापन को आक्रामक तेवर में आसन की ओर बढ़ते तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर संकेत कर कुछ कहते देखा गया। स्मृति ने कहा कि उन्हें इस सदन की सदस्य होने के नाते अपनी बात रखने का अधिकार है। वह कांग्रेस सदस्यों से यह भी कहते सुनी गयीं कि वे उन पर चिल्ला नहीं सकते। इस बीच स्मृति भी अपनी सीट से बाहर निकल आईं।

राकांपा की सुप्रिया सुले एवं कुछ अन्य सदस्यों ने कांग्रेस के उत्तेजित सदस्यों को बैठाने का प्रयास किया, वहीं केंद्रीय मंत्रियों प्रहलाद जोशी एवं प्रहलाद पटेल ने स्मृति से बैठने का आग्रह किया। इस हंगामे के बीच बैठक भोजनावकाश के लिए स्थागित कर दी। भोजनावकाश के बाद बैठक पुन: शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी से कहा कि वह अपने दोनों सदस्यों को बुलाएं और माफी मांगने के लिए कहें। इसके बाद उन्होंने दोपहर एक बज कर करीब 40 मिनट पर कार्यवाही ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दो बार स्थगन के बाद ढाई बजे बैठक पुन: शुरू होने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रतापन और कुरियाकोस माफी मांगें। उन्होंने कहा कि अगर ये दोनों माफी माफी नहीं मांगते हैं तो इन्हें निलंबित किया जाए। दोनों सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। प्रतापन और कुरियाकोस की गैरमौजूदगी में सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने इन दोनों को निलंबित करने की मांग की।

भाजपा सदस्य एस एस अहलूवालिया, विष्णुदत्त शर्मा, देवेंद्र भोले, सुमेधानंद सरस्वती, गजेंद्र पटेल, मनोज कोटक, ढाल सिंह बिशेन और रमा देवी तथा बीजद के अभिनव मोहंती और आम आदमी पार्टी के भगवंत मान ने कांग्रेस के दो सदस्यों के आचरण की आलोचना की तथा कार्रवाई की मांग की।

इनमें से कुछ सदस्यों ने कहा कि प्रतापन और कुरियाकोस को निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतापन ने पहले भी आक्रामक व्यवहार किया है । कांग्रेस नेता चौधरी ने अपनी बात रखनी चाही लेकिन हंगामे के बीच ही पीठासीन अध्यक्ष दिन में दोपहर दो बज कर करीब 45 मिनट पर कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, शून्यकाल के दौरान केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बयानों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक सदस्य कह रहे थे कि राजनीतिक मुद्दा नहीं है लेकिन उन्होंने महिला सुरक्षा और सम्मान के विषय को भी सांप्रदायिकता से जोड़ दिया जो इससे पहले कभी नहीं हुआ। स्मृति ने कहा कि पश्चिम बंगाल के एक सदस्य ने हैदराबाद और उन्नाव की बात की लेकिन माल्दा की बात नहीं की। उनके राज्य में पंचायत चुनाव में बलात्कार की घटनाओं को राजनीतिक हथियार बनाया गया और यहां राजनीति की बात हो रही है।

अमेठी से भाजपा सांसद स्मृति के बयान पर कांग्रेस के सदस्य विरोध जताया और हंगामा होने लगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस सदस्य को एक मंत्री के साथ इस तरह पेश नहीं आना चाहिए था। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन की एक आचार संहिता होती है। राजनीतिक टिप्पणियां दोनों पक्षों से होती हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सदस्य आसन की ओर बढ़ने लगें।

उन्होंने कहा कि गंभीर टिप्पणी का जवाब और भी गंभीर टिप्पणी से दिया जा सकता है। कोई असंसदीय बात होगी तो वह रिकार्ड में नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पहले ऐसा होता रहा होगा लेकिन मेरे कार्यकाल में मेरा आग्रह है कि सहयोग और सहमति से पूरे पांच साल सदन चलना चाहिए।’’

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि एक मंत्री जब सरकार से पक्ष रख रही थीं, उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह अभद्र है। ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है। इसके बाद बिरला ने दोपहर करीब 12:55 बजे सदन की बैठक डेढ़ बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सत्ता पक्ष ने प्रतापन एवं कुरियाकोस से माफी की मांग की।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि टी एन प्रतापन और कुरियाकोस सदन की एक महिला सदस्य (स्मृति) के साथ धमकीभरे रुख के साथ पेश आए। उनका आचरण निंदनीय है। दोनों सदस्यों को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। भाजपा सदस्य संगीता सिंह देव ने कहा कि कांग्रेस के दोनों सदस्यों का व्यवहार संसदीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।

सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस घटना का उल्लेख किया गया है उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है क्योंकि वह उस वक्त सदन में मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह दोनों संबंधित सदस्यों से बात करने के बाद ही कुछ कह पाएंगे। इस पर पीठासीन अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने चौधरी से कहा कि वह अपने दोनों सदस्यों को बुलाएं और माफी मांगने के लिए कहें। इसके बाद उन्होंने दोपहर एक बज करीब 40 मिनट पर कार्यवाही ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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