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6 फीट की दूरी पर बैठेंगे मेंबर, पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठकों के लिए जारी हुई गाइडलाइंस

कोरोना वायरस के कारण ठप चल रहीं संसदीय कमेटियों की बैठकें फिर से शुरू होंगी। इसके लिए लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को गाइडलाइंस जारी की है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 03, 2020 20:38 IST
Lok Sabha Secretariat issues guidelines on holding meetings of parliamentary panels- India TV Hindi
Image Source : FILE Lok Sabha Secretariat issues guidelines on holding meetings of parliamentary panels

नई दिल्ली। लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को संसदीय समितियों की बैठकें संसद भवन में सदस्यों की मौजूदगी और कुछ पाबंदियों के साथ करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किये। सरकार कोरोना वायरस महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र अगस्त के अंत में या सितंबर में आयोजित करने की संभावना पर विचार कर रही है। कोविड-19 संकट के मद्देनजर अनेक समितियों के अध्यक्षों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से डिजिटल बैठकों का अनुरोध किया था, लेकिन अनुमति नहीं दी गयी।

लोकसभा सचिवालय ने दिशानिर्देशों में कहा, '1 जुलाई से लॉकडाउन में की दी गयी और ढील के साथ अब संसदीय समितियों की बैठकें कुछ पाबंदियों के साथ की जा सकती हैं।' सचिवालय ने निर्देश दिया है कि समिति के कक्ष में बैठक व्यवस्था छह फुट की सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करते हुए की जाए। समिति कक्ष के बाहर सैनेटाइजर का प्रबंध होना चाहिए। 

लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है, "कोरोना वायरस के कारण संसदीय कमेटी की बैठकें नहीं हो पा रही हैं। लेकिन, एक जुलाई से लॉकडाउन में मिली छूट के कारण पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठकें हो सकतीं हैं। इसके लिए कुछ निर्देशों का पालन जरूरी है।"

लोकसभा सचिवालय ने कहा कि बैठक में किसी मुद्रित सामग्री का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और बैठक से संबंधित सभी कागजों को सदस्यों को डिजिटल स्वरूप में भेजा जाना चाहिए। उसने कहा कि समिति के समक्ष साक्ष्यों के लिहाज से प्रस्तुत हो रहे मंत्रालय या विभाग को सलाह दी जाती है कि कोई सामग्री साथ नहीं लाएं जिनमें वार्षिक रिपोर्ट या सदस्यों के लिए बैग आदि शामिल हैं। 

अधिसूचना के अनुसार, 'समिति के समक्ष प्रस्तुत हो रहे मंत्रालयों या विभागों को अधिकतम पांच अधिकारियों को भेजने की सलाह दी जा सकती है।' इसमें कहा गया कि अगर मंत्रालय ज्यादा अधिकारी लाने को बाध्य है तो लॉबी में उनके बैठने के लिए व्यवस्था की जा सकती है। 

कोरोना वायरस के कारण ठप चल रहीं संसदीय कमेटियों की बैठकें फिर से शुरू होंगी। गाइडलाइंस के मुताबिक, कमेटी रूम में कुछ इस तरह से बैठने का इंतजाम किया जाएगा कि सदस्यों के बीच की दूरी कम से कम छह फिट हो। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, बैठकों के दौरान बयान दर्ज कराने के लिए किसी मंत्रालय या विभाग के अधिकतम पांच स्टाफ ही कमेटी के सामने उपस्थित हो सकेंगे। अगर ज्यादा स्टाफ की मौजूदगी जरूरी हुई तो फिर उनके बैठने की व्यवस्था लॉबी में होगी।

सोशल डिस्टेंसिंग के कारण न्यूनतम स्टाफ में संसदीय कमेटियों की बैठकें होंगी। ऐसे में स्टाफ के उपलब्ध न होने पर कार्यवाही को शब्द दर शब्द नोट करने कठिनाई हो सकती है। जिससे कार्यवाही की रिकॉर्डिग के लिए ऑडियो सिस्टम की मदद ली जाएगी। ऑडियो सिस्टम की व्यवस्था सीपीडब्ल्यूडी के स्तर से होगी। वहीं बाद में ऑडियो को रिपोर्टिग सर्विस को ट्रांसक्रिप्शन के लिए हैंडओवर किया जाएगा।

निर्देशों के मुताबिक कमेटी रूम के एंट्रेंस पर सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी। वहीं कमेटी रूम में सीटिंग अरेंजमेंट में छह फीट की दूरी का ध्यान रखा जाएगा। खास बात है कि बैठक के लिए कमेटी के सदस्यों को कोई प्रिंटेड मैटेरियल नहीं दिया जाएगा, सभी दस्तावेज सॉफ्ट कॉपी मे उपलबध कराए जाएंगे। यहां तक की वार्षिक रिपोर्ट भी सॉफ्ट कॉपी में उपलब्ध कराई जाएगी। लॉबी एरिया में स्टाफ किसी भी सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे। लोकसभा सचिवालय की ओर से यह नोटिफिकेशन पार्लियामेंट्री कमेटी की सभी ब्रांचेज को जारी किया है।

सूत्रों ने बताया कि संसदीय समितियों की बैठकों को संसद को सदस्यों की मौजूदगी के साथ मानसून सत्र के लिए तैयार करने की कवायद माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिरला और नायडू दोनों ने इस बारे में कई बार बातचीत की है कि कोविड-19 महामारी के बीच मानसून सत्र कैसे आयोजित किया जाए। सूत्रों ने बुधवार को कहा था कि सरकार अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह से संसद के मानसून सत्र को आयोजित करने की संभावना पर विचार कर रही है जिसमें बैठकों में सदस्य उपस्थित रह सकें।

हालांकि सूत्रों ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभी तक कुछ तय नहीं हुआ है और यह बताना मुश्किल होगा कि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए सत्र कैसे आयोजित किया जाएगा। संसद का बजट सत्र कोविड-19 महामारी बढ़ने के बीच निर्धारित समय से पहले ही 23 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। संसद में इस सप्ताह संसदीय सौंध भवन में अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर समिति की बैठक के साथ कामकाज फिर से शुरू हुआ है।

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