नई दिल्ली: लोकसभा में आज वाईएसआर कांग्रेस और तेलगु देशम पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। दोनों पार्टी एक दिन पहले ही अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को दे चुकी हैं। हालांकि संसद में जिस तरह से गतिरोध चल रहा है उसे देखते हुए अभी इसके कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। एक दिन पहले ही वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय में आज की संशोधित कार्य सूची में उनका नोटिस रखने के लिए पत्र लिखा है। तेदेपा ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है। पिछले सप्ताह नोटिस नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी कि सदन में आसन के पास जाकर कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि सरकार ने पर्याप्त बहुमत होने का दावा भी किया है।
विधायी कार्यों पर सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्नाद्रमुक कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि कल व्यवस्था बन पाएगी । बजट सत्र के अंतिम चरण का पहला दो हफ्ता बीत चुका है हालांकि सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने और बिना चर्चा के ध्वनिमत के जरिए बजट पारित कराने में कामयाब रही ।केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इंकार के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था। मुद्दे पर भाजपा की लंबे समय से सहयोगी रही तेदेपा ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लायी । दोनों पार्टियां अपने- अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं। अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए। सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकारकर लिये जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा। लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539 है और सत्तारूढ़ भाजपा के 274 सदस्य हैं। यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है।