नई दिल्ली: शाहीन बाग इलाके की दुकानों के ताले आखिरकार 5 महीने बाद खुल गए हैं। पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शन की वजह से 100 दिनों तक ये बाजार बंद रहा और उसके बाद कोरोना संकट के कारण पांच महीने से इलाके की दुकानें बंद चल रही थीं। लॉकडाउन के चौथे चरण में नियम और शर्तों के साथ दुकानें खोलने की इजाजत के बाद इस इलाके में भी दुकानों के शटर उठ गए हैं।
बाजार खोलने के दिल्ली दरकार के आदेश के बाद 20 मई से ये बाजार खुला है। इसमें तकरीबन 200 दुकाने हैं और दो हज़ार लोग यहां काम करते थे। मार्किट एसोसिएशन का कहना है कि इस मार से बचने में हमे बहुत समय लग जाएगा। इन 5 महीनों में तकरीबन 350 करोड़ का नुकसान हुआ है। उसके बाद भी हमे बंद पड़ी दुकानों का किराया और बिजली के बिल भरने पड़ रहे हैं। ऊपर से बाजार में ग्राहक बिलकुल नहीं है। इस बाजार में एक और दिक्कत हो रही है। दुकान पर काम करने वाले अधिकांश मजदूर भी चले गए हैं फिर भी दुकानदारों में इस बात की खुशी है कि आखिकार ये मार्केट खुल गया है।
बता दें कि सीएए के खिलाफ देश में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए गए थे मगर इसका सबसे बड़ा केंद्र शाहीनबाग ही था। देश के अन्य इलाकों में शाहीन बाग के बाद ही प्रदर्शन शुरू हुए थे और इन इलाकों को भी शाहीन बाग के नाम से ही संबोधित किया जाने लगा था। शाहीन बाग में रोज हजारों प्रदर्शनकारी जुटते थे और इनके खाने और रहने का प्रबंध भी वहीं पर किया गया था।