देश के सुदूर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में एक बार फिर चीनी सेना के घुसपैठ के संकेत मिले हैं। राज्य के अंजाव जिले के स्थानीय निवासियों के अनुसार चीनी सेना भारतीय सीमा में कई किलोमीटर भीतर तक घुस आई है। चागलागम क्षेत्र में चीनी सेना ने पत्थरों पर मंदारिन भाषा में संकेत बना दिए हैं और इस पर अपना कब्जा घोषित कर दिया है। हालांकि भारतीय सेना ने किसी भी प्रकार के चीनी घुसपैठ से इंकार किया है। बता दें कि चागलागम क्षेत्र बेहद दुर्गम इलाके में मौजूद है। यहां पर सड़क संपर्क अभी तक नहीं है, जिला मुख्यालय हयुलिंग तक पहुंचने के लिए स्थानीय लोगों को 2 दिन तक पैदल चलकर जाना होता है।
बता दें कि भारत और चीन के बीच की सीमा को मैक मोहन रेखा विभाजित करती है। लेकिन कई बार मैक मोहन रेखा को पार करते हुए चीनी सेना की घुसपैठ की खबरें आती रहती हैं। लेकिन इस बार हुई घुसपैठ को स्थानीय लोग ज्यादा चिंताजनक मान रहे हैं। सीमाई इलाकों में घूमने वाले शिकारियों ने अरुणाचल प्रदेश के चागलागम क्षेत्र में चीनी घुसपैठ और पत्थरों पर मंदारिन भाषा में लिखे संदेशों से जुड़ी तस्वीरें ली हैं। माना जा रहा है कि ये तस्वीरें पिछले साल नवंबर और दिसंबर की हैं। ये तस्वीरें बता रही हैं कि चीनी सेना अक्सर इस क्षेत्र का दौरा कर रही हैं।
हालांकि भारतीय सेना ने किसी भी प्रकार के घुसपैठ की पुष्टि नहीं की है। इन तस्वीरों की सत्यता को प्रमाणित करने के लिए जब सेना से बात की गई तो सेना ने इस पर कोई भी बयान देने से इंकार कर दिया। वैसे अरुणाचल प्रदेश से भाजपा सांसद तापिर गाव पहले भी चीनी सेना के घुसपैठ से जुड़ा मुद्दा उठा चुके हैं। हालिया चीनी घुसपैठ को लेकर तापिर गाव ने कहा कि वह समय दूर नहीं जब चीनी घुसपैठ की अनदेखी करने पर भारतीय सेना को पछताना पड़ेगा। तापिर गाव संसद में भी चीनी सेना की घुसपैठ का मुद्दा उठा चुके हैं।