नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन का अगला चरण संभवत: स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से होगा। उन्होंने गरीबों की समस्याओं के बारे में बात की और कहा कि आर्थिक गतिविधियों को भी फिर से शुरू करना होगा। चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पत्रकारों से बात करते हुए राज्यों के बीच समन्वय का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचने के लिए परिवहन उपलब्ध हों और वे उत्तर प्रदेश में शनिवार को हुई सड़क दुर्घटना जैसे हादसों से बच सकें।
उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना में 24 लोगों की मौत हुई है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण वित्तीय स्थिति खराब होने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक बड़े शहरों से कई किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांवों की ओर रवाना हो रहे हैं। चौहान ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए एक हजार बसों की व्यवस्था की है और मध्य प्रदेश सीमा पर उन श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थलों तक छोड़ा है जो अन्य राज्यों से हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक वह मध्य प्रदेश में हैं, तब तक किसी भी मजदूर को सड़कों पर नहीं चलना पड़ेगा और न ही भूखा रहना पड़ेगा। मध्य प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से समन्वय कर रही है, जहां से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक आते हैं। लॉकडाउन का तीसरा चरण रविवार को समाप्त हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘पूरी तरह से नये रंग रूप वाले लॉकडाउन-4.0’’ की बात की थी। चौहान ने कहा कि कोविड-19 से निपटते हुए अब आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।
उन्होंने कहा कि गरीब लोग और लघु उद्योग से जुड़े लोग लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोरोना वायरस से लड़ना होगा और आर्थिक गतिविधियों को तेजी से शुरू करने के लिए भी कदम उठाने होंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘रेड जोन’ में आर्थिक गतिविधियों को सख्त नियमों के तहत शुरू किया जायेगा। चौहान ने कहा कि हालांकि भीड़ को एकत्र नहीं होने दिया जाएगा और मॉल तथा सिनेमा हॉल जैसे स्थान बंद रहेंगे। धार्मिक और राजनीतिक सभाओं पर रोक जारी रहेगी और लोगों को ईद का त्यौहार अपने घरों में मनाने की सलाह दी गई है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) द्वारा उनकी सरकार के श्रम सुधारों के कड़े विरोध के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये कदम श्रमिकों के हित में उठाए गए है और वह इस संबंध में बीएमएस से बात करते रहेंगे। विपक्ष ने प्रवासी श्रमिकों की परेशानी को कम करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए केन्द्र सरकार की निंदा की है, इस संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने केन्द्र के विभिन्न फैसलों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की गई थी और उम्मीद थी कि प्रवासी उन्हीं स्थानों पर रहेंगे जहां वे काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद प्रवासी श्रमिकों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया और उन्होंने अपने घरों की ओर जाने का फैसला किया। चौहान ने कहा कि केन्द्र की प्राथमिकता कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना था। उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों की मदद के लिए कई कदम उठाये है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने इस बीमारी से निपटने के लिए ‘‘कुछ’’ भी नहीं किया और 23 मार्च को उनके मुख्यमंत्री पद का प्रभार संभालने के बाद ही स्वास्थ्य ढांचा और क्षमता का निर्माण हुआ।