मुंबई: रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम कम होने का हवाला देते हुए प्रमुख नीतिगत दर में आज 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी। केन्द्रीय बैंक के इस कदम से आवास, वाहन और व्यक्तिगत कर्ज की मासिक किस्त ईएमआई का बोझ कम हो सकता है।
अक्टूबर 2016 के बाद यह पहला मौका है जब रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में कटौती की है। इस कटौती के बाद रेपो दर 6.0 प्रतिशत पर आ गयी है।
खुदरा मुद्रास्फीति के रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के साथ रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति एमपीसी ने मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत कटौती का निर्णय लिया। समिति ने इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर को भी 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.75 प्रतिशत कर दिया गया।
एमपीसी ने खुदरा मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत रखने के लक्ष्य के साथ मौद्रिक नीति के रूख को तटस्थ रखने और आने वाले आंकड़ों पर नजर रखने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने निजी निवेश में नई जान फूंकने, बुनियादी ढांचा संबंधी बाधाओं को दूर करने तथा प्रधानमंत्री आवास योजना पर विशेष जोर देने की तत्काल जरूरत पर बल दिया।
रिजर्व बैंक ने कहा कि वह कंपनियों के फंसे कर्ज तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नई पूंजी डालने के लिये सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।