नई दिल्ली: आज सुबह दस बजे से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर वायुसेना के विमानों ने उडा़न भरना शुरू कर दिया है। इंडियन एयर फ़ोर्स के 17 लड़ाकू विमान मिराज, सुखोई और जगुआर एक-एक कर टच डाउन किए। वायुसेना का अभ्यास सुबह 10 बजे शुरू हुआ और दोपहर 12 बजे तक चलेगा। सुरक्षा वजहों से इस हाइवे पर दोपहर दो बजे तक यातायात बंद रहेगा। रक्षा मंत्रालय और वायुसेना का ये मिशन पिछले ड्रिल के मुकाबले काफी बड़ा। इस बार एक्सप्रेस वे की सड़क पर सिर्फ लड़ाकू विमान ही नहीं बल्कि कार्गो विमानों यानी सामान ढोनेवाले विमानों की लैंडिंग हुई।
कार्गो विमानों का वजन फाइटर प्लेन से ज्यादा होता है और वायुसेना देखना चाहती थी कि क्या आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे को इमरजेंसी हालात में ट्रांसपोर्ट विमानों को उतारने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत है हरक्यूलिस। छोटे रनवे पर उतरने में सक्षम इस विमान को भी इस बार एक्सप्रेस वे की सड़क पर उतारा गया है। वायुसेना का गजराज इस वक्त सबसे बड़ा कैरियर एयरक्राफ्ट है।
लाइव अपडेॉ्स
- सबसे पहले C-130 हरक्यूलिस विमान उतरा
- C-130 हरक्यूलिस से गरूड़ कमांडो भी उतरे
- इसके बाद तीन जगुआर विमानों ने टचडाउन किया
- जगुआर के बाद 6 मिराज विमान का हुआ टचडाउन
- 6 सुखोई विमान भी एक्सप्रेसवे पर केए टचडाउन
एक्सप्रेसवे पर वायुशक्ति
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर एयरफोर्स का टचडाउन
- एयरफोर्स के फाइटर प्लेन लैंडिंग और टेक ऑफ करेंगे
- जगुआर, सुखोई और मिराज कैटगरी के फाइटर प्लेन शामिल
- एमआई 17 हेलिकॉप्टर, हरक्यूलिस-सी 17 की भी लैंडिंग
- भारत में किसी हाईवे पर वायुसेना का सबसे बड़ा अभ्यास
- अभ्यास में 20 लड़ाकू और टांसपोर्ट विमान हिस्सा लेंगे
- 2015 में यमुना एक्सप्रेसवे पर जगुआर को उतारा गया था
- 2016 में सुखोई विमान को एक्सप्रेसवे पर उतारा गया था
- आगरा एक्सप्रेसवे पर आज सुबह 10 बजे से अभ्यास
- आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे 302 किमी लंबा है
- उन्नाव के बांगरमऊ में एयर स्ट्रिप बनाया गया है
- एयर स्ट्रिप की लंबाई 3.2 किलोमीटर है
वायसेना के इस भारी भरकम प्लेन को बेहद छोटे मुश्किल से भरे रनवे पर उतारा जा चुका है लेकिन ये पहली बार होगा जब हरक्यूलिस-सी 17 को सड़क पर उतारने का टेस्ट लिया जाएगा। देश में पहली बार किसी एक्सप्रेस-वे पर इतने बड़े स्तर पर फाइटर प्लेन से एक्सरसाइज की जाएगी। इसमें जंग के दौरान फाइटर प्लेन के लिए होने वाली तैयारियों को परखा जाएगा।
विशेषज्ञ भी ये मानते हैं कि युद्ध के वक्त दुश्मन सबसे पहले हवाई पट्टी पर ही हमला करते हैं ताकि वायुसेना को कमजोर किया जा सके इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आज की तारीख में जब पड़ोसी देश भी अपने हाईवे को रनवे बना रहा है तो भारत उस कतार में पाकिस्तान से आगे खड़ा हो। इसलिए आज का ये एक्सरसाइज दुश्मनों को ये समझाने की कोशिश है कि अगर युद्ध का आगाज हुआ तो अंजाम तक उसे पहुंचाने के लिए देश के हाईवे तक इस्तेमाल कर सकती है भारत की वायुसेना।
वहीं वायुसेना के इस ड्रिल के मद्देनजर आज आगरा से लखनऊ की ओर आने वाली गाड़ियां कानपुर के अरौल में एक्सप्रेस-वे से उतरने के बाद 6 किलोमीटर कानपुर की ओर चलकर बिल्लौर-बांगरमऊ रोड की तरफ मुड़ेंगे। बांगरमऊ से मियागंज, हसनगंज और मोहान होते हुए लखनऊ पहुंचा जा सकेगा। लखनऊ से आगरा जाने वाली गाड़ियां भी इसी रास्ते से जाएंगी।