चमोली. चमोली में 'जल प्रलय' के बाद 203 लोग लापता हैं। अबतक 18 शव मिल चुके हैं। तपोवन पर बड़ी टनल में फंसे 30 से 40 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि लापता होने वाले मजदूरों में से ज्यादातर पूर्वी यूपी और बिहार से हैं। मुझे इस संबंध में संपर्क किया गया है कि लापता लोगों में 30 लोग यूपी के लखीमपुर खीरी से ताल्लुक रखते हैं। यहां बचाव कार्य जोरों पर जारी है।
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बचाव और राहत में बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है। तपोवन क्षेत्र में बिजली परियोजना की बड़ी सुरंग के घुमावदार होने के कारण उसमें से मलबा निकालने तथा अंदर तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं। बता दें कि आपदा प्रभावित क्षेत्र से अब तक 27 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है । इनमें से एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की छोटी सुरंग से 12 जबकि ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना स्थल से 15 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
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आपको बता दें कि ऋषिगंगा घाटी के रैंणी क्षेत्र में हिमखंड टूटने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में रविवार को अचानक आई बाढ़ से प्रभावित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा और 480 मेगावाट की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड पनबिजली परियोजनाओं में लापता हुए लोगों की तलाश के लिए सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों के बचाव और राहत अभियान में जुट गए जिससे सोमवार को इन कार्यों में तेजी आई।
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बाढ़ आने का कारण तत्काल पता नहीं चल पाया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि हिमखंड टूटने से नदी में बाढ़ आ गई । इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के कारणों का पता लगाने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये हैं और उनसे कहा गया है कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाये ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरती जा सकें। उधर, दिल्ली में आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बताया, ‘‘सुरंग में फंसे करीब 30 लोगों को बचाने के लिए हमारे दल रातभर से प्रयास कर रहे हैं। ऐसे अभियान के लिए खास उपकरणों की मदद ली जा रही है। उम्मीद है कि हम सभी को बचा लेंगे।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग में बहुत सारा मलबा भर गया है। सुरंग के भीतर करीब 80 मीटर का हिस्सा साफ कर लिया गया है और वहां तक पहुंच बन गई है। ऐसा अनुमान है कि अभी करीब और 100 मीटर हिस्से से मलबे को साफ करना होगा।’’ पांडे ने बताया कि घटनास्थल पर आईटीबीपी के करीब 300 जवान मौजूद हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ‘हेड रेस टनल या एचआरटी’ में करीब 34 लोग फंसे हुए हैं।
लापता लोगों की लिस्ट