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मध्य प्रदेश में बढ़ा आसमानी बिजली का कहर, जनवरी से जून के बीच 89 की मौत

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने चेताया कि सूबे में तूफानी बारिश की स्थिति में पेड़ गिरने और कमजोर इमारतों के ढहने का खतरा भी पहले से बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनियों के बाद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तीन मंजिला या इससे ऊंचे भवनों में तड़ित चालक लगाने और जर्जर भवनों को खाली कराने की सिफारिश प्रदेश सरकार से की है। इ

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 05, 2020 18:16 IST
lighting takes life of 89 in madhya pradesh between january to june । मध्य प्रदेश में बढ़ा आसमानी बि- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मध्य प्रदेश में बढ़ा आसमानी बिजली का कहर, जनवरी से जून के बीच 89 की मौत

इंदौर. मौसम विभाग ने सचेत किया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मध्यप्रदेश में मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान आसमानी बिजली गिरने का खतरा बढ़ गया है। बिजली गिरने की घटनाओं में इस साल के शुरूआती छह महीनों में मध्य प्रदेश में 89 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों की यह तादाद पिछले साल के मुकाबले अधिक है।

विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह चंदेल ने बुधवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "इस मॉनसून सत्र में आसमानी बिजली गिरने का खतरा गुजरे वर्षों की तुलना में काफी अधिक है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण गरज-चमक वाली आंधियों और ओलावृष्टि के दौरान हवाओं की गति पहले की तुलना में काफी बढ़ी पायी गयी है।"

उन्होंने बताया कि इस साल के केवल छह महीनों (जनवरी से जून 2020) में आकाशीय बिजली गिरने के कारण मध्यप्रदेश में 89 लोगों की मौत हुई है, जबकि पिछले वर्ष के पूरे 12 महीनों (जनवरी-दिसंबर 2019) के दौरान सूबे में इन घटनाओं में 82 व्यक्तियों की जान चली गयी थी।

चंदेल ने मौसम के पिछले 30 सालों के आंकड़ों के विश्लेषण के हवाले से बताया, "जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के चलते चरम मौसमी हालात पैदा होने से राज्य में अब कम अवधि में ज्यादा और तेज बारिश होने लगी है, जबकि सतत वर्षा वाले दिन घटे हैं।"

उन्होंने बताया, "वर्षा के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक असर जबलपुर, रीवा और शहडोल संभागों में नजर आ रहा है, जबकि इंदौर और होशंगाबाद संभागों में इसका प्रभाव सबसे कम है। प्रदेश के बाकी हिस्सों पर जलवायु परिवर्तन का मध्यम असर है।"

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने चेताया कि सूबे में तूफानी बारिश की स्थिति में पेड़ गिरने और कमजोर इमारतों के ढहने का खतरा भी पहले से बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनियों के बाद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तीन मंजिला या इससे ऊंचे भवनों में तड़ित चालक लगाने और जर्जर भवनों को खाली कराने की सिफारिश प्रदेश सरकार से की है। इसके साथ ही, मौसम विभाग के अलर्ट को पंचायत स्तर तक भिजवाने और प्रचारित कराने की व्यवस्था करने को भी कहा गया है ताकि बिजली गिरने से जान-माल का नुकसान कम किया जा सके।

With inputs from Bhasha

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