कोलकाता: मौत की सजा पाए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मुजफ्फर अहमद राठेर ने अपनी कोठरी में एक टीवी सेट लगाने और अच्छा खाना देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की। वह पिछले 2 दिन से भूख हड़ताल पर है। दमदम केंद्रीय कारागार के अधिकारियों ने हालांकि उसे प्रेसिडेंसी जेल भेज दिया। 30 साल के राठेर को दमदम जेल की एक कोठरी में अकेला रखा गया था।
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जेल अधिकारियों ने साथ ही दावा किया कि आतंकी ने प्रेसिडेंसी जेल में भेजे जाने के बाद अपनी भूख हड़ताल बंद कर दी। राज्य के कारा विभाग के मंत्री अबनी मोहन ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से वह टेलीविजन सेट और अच्छे खाने की मांग कर रहा था। नियम के तहत, मौत की सजा प्राप्त कैदी को टीवी सेट मुहैया नहीं कराया जा सकता। खाने की बात करूं तो हम सभी कैदियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मुहैया कराते हैं। हमने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह अडिग था। इसलिए उसने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इसके बाद उसे प्रेसिडेंसी जेल भेज दिया गया।’
जेल के एक अधिकारी ने दावा किया कि माओवादी एवं दूसरे खूंखार अपराधी अपनी मांगों को लेकर जेल अधिकारियों पर दबाव डालने के लिए अकसर इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं। बीएसएफ ने 2007 में भारत-बांग्लादेश सीमा से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के निवासी मुजफ्फर अहमद राठेर और पाकिस्तान के दो दूसरे आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। तीनों को इस साल जनवरी में मौत की सजा सुनाई गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार तीनों जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले करने की साजिश रच रहे थे।