कोलकाता: चिट फंड घोटाला मामले में “कार्रवाई में देरी” के खिलाफ मेट्रो चैनल के पास प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष अब्दुल मन्नान को 59 अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार किया गया। कुछ दिन पहले इसी जगह राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ के प्रयास के खिलाफ धरना दिया था।
इन लोगों को बाद में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रभारी, न्यायाधीश केया सरकार के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने 300-300 रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शुरू में प्रदर्शन को खत्म करने को कहा गया, क्योंकि उनके पास मेट्रो चैनल के पास प्रदर्शन की इजाजत नहीं थी।
उन्होंने कहा कि जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस को उन्हें वहां से हटाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। अधिकारी ने कहा कि इस दौरान मन्नान और युवा कांग्रेस के नेता रोहन मित्रा समेत कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। युवा कांग्रेस ने सोमवार को मेट्रो चैनल इलाके में धरने का आयोजन किया था और चिट फंड घोटाले में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी।
उन्होंने मांग की कि फर्जीवाड़े के शिकार हुए निवेशकों को रकम लौटाए जाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। मन्नान ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “चिट फंड घोटाले में लाखों लोगों ने अपनी जीवनभर की पूंजी गंवा दी। हम सभी जानते हैं कि तृणमूल कांग्रेस के नेता घोटाले में शामिल थे। लेकिन, तृणमूल और भाजपा के बीच सियासी समझ की वजह से, सीबीआई की जांच आगे नहीं बढ़ी है।”