मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मैंग्रोव पर अतिक्रमण करने वाले दो स्थानीय पार्षदों के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश देते हुए कहा कि नेता ‘‘भगवान नहीं हैं’’ और कानून से कोई ऊपर नहीं है। जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस भारती डांगरे की पीठ ने मीरा रोड थाने को स्थानीय पार्षद भाजपा के परशुराम म्हात्रे और शिवसेना की अनीता पाटिल के खिलाफ एक हफ्ते के भीतर पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत नियम के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘राजनीतिक नेता कानून से ऊपर नहीं हैं। वे भगवान नहीं है या कोई ऐसे व्यक्ति नहीं जिसे कानून के उल्लंघन का अधिकार नहीं मिल जाता है। नगर निगम और स्थानीय पुलिस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने से डर क्यों रही है ? आपको निर्भीक होना चाहिए और किसी से नहीं डरना चाहिए ।’’
सामाजिक कार्यकर्ता भरत मोकल ने अपने वकील डी एस म्हिसकर के जरिए जनहित याचिका दायर की थी। पीठ ने इसी पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका के मुताबिक म्हात्रे और पाटिल , दोनों ने अपने रिहाइशी बंगले और कार्यालय के निर्माण के लिए मैंग्रोव को कटवा दिया और अतिक्रमण किया।