नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान से सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि चीन और पाकिस्तान के ज्वॉइंट वेंचर जेएफ-17 लड़ाकू विमान की तुलना में भारतीय एयरक्राफ्ट तेजस कहीं बेहतर और उन्नत है। फाइटर जेट तेजस की ताकत बताते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो तेजस एयरक्राफ्ट से बालाकोट जैसे हवाई हमले को अंजाम दिया जा सकता है।
एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने आगे कहा कि हमले की क्षमता के नजरिए से देखा जाए तो तेजस एयरक्राफ्ट घातक हथियारों से लैस रहेगा जो इसे उस वक्त इस्तेमाल में लाए गए विमानों और से कहीं अधिक शक्तिशाली बनाता है। भदौरिया ने कहा कि यह हमारे स्वदेशी उद्योग के लिए बढ़ावा है। यह हमारे डिजाइनरों की एक बड़ी पहचान भी है। यह भारतीय वायुसेना और देश के लिए एक बड़ा कदम है।
तेजस और जेएफ-17 फाइजर जेट की तुलना को लेकर जब भदौरिया से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि तेजस एलसी (Light Combat) एयरक्राफ्ट ही जेएफ-17 से बेहतर है। ऐसे में तेजस मार्क-ए तो काफी बेहतर है। वायुसेना प्रमुख ने बताया कि तेजस की मिसाइल रेंज भी जेएफ-17 से ज्यादा है और तेजस को और बेहतर बनाने के लिए इसमें देश में बने बेहतर सेंसर लगाए जा रहे हैं।
अब दो की जगह तेजस की होगी छह स्क्वाड्रन
एलएसी पर चीन की चुनौती को देखते हुए वायुसेना ने भी अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, वायुसेना लाइट कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट की अपनी स्क्वाड्रन को और बढ़ाने वाली है। भदौरिया ने आगे कहा कि तेजस एयरक्राफ्ट पर सरकार के फैसले से वायुसेना में लाइट कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट (एलसीए) की दो स्क्वाड्रन योजना की मौजूदा ताकत अब बढ़कर छह हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अनिवार्य रूप से इन विमानों की तैनाती फ्रंटलाइन पर होगी। बता दें कि मौजूदा वक्त में लाइट कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट की दो स्क्वाड्रन मौजूद हैं। स्क्वाड्रन की संख्या में इजाफे से वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।
जानिए क्यों खास है स्वदेशी 'तेजस'
बता दें कि, सरकार ने देश में ही बने 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है। तेजस एयरक्राफ्ट चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित किया गया है। हल्का लड़ाकू विमान एमके-1ए का डिजाइन एवं विकास स्वदेशी स्तर पर किया गया है और यह चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान से जुड़े अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है। तेजस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कम ऊंचाई पर उड़कर यह दुश्मन पर नजदीक से सटीक निशाना साध सकता है और यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर है। तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। डर्बी और अस्त्र मिसाइल से भी 'तेजस' लैस हो सकता है। इतना ही नहीं, 'तेजस' लड़ाकू विमान के जरिए लेजर गाइडेड बम से दुश्मनों पर हमला किया जा सकता है। आधुनिक रडार और मिसाइल जैमर से भी इस लड़ाकू विमान को लैस किया गया है।
लड़ाकू विमान 'तेजस' की गति और ताकत
ध्वनि की गति से दोगुनी रफ्तार से उड़ान भरने वाला लड़ाकू विमान 'तेजस' 2222 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ान भरने में सक्षम है। इतना ही नहीं, 'तेजस' एक बार में 3850 किमी की दूरी तक उड़ान भरने की काबिलियत रखता है। अगर सभी तरह के हथियारों से 'तेजस' को लैस कर दिया जाए, तो इसका कुल वजन करीब 13,500 किलो होगा। पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान 'तेजस' 13.2 मीटर लंबा और 4.4 मीटर ऊंचा है।
(इनपुट-ANI)