नई दिल्ली: अनुसूचित जाति एवं जनजाति ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश के कई राज्यों में हिंसा की खबरें हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सोमवार को जोर दिया कि जाति के आधार पर किसी भी प्रकार के अत्याचार को रोकने के लिये बनाये गए कानूनों का कठोरता से पालन होना चाहिए। संघ ने साथ ही कहा कि समाज के हर वर्ग के लोगों को किसी प्रकार के बहकावे में आये बिना परस्पर प्रेम और सौहार्द बनाये रखना चाहिए।
RSS के सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने अपने बयान में कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर हो रही हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संघ जाति के आधार पर किसी भी भेदभाव अथवा अत्याचार का सदा विरोध करता है। इस प्रकार के अत्याचार को रोकने के लिए बनाए गए कानून का कठोरता से पालन होना चाहिए। जोशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए हुए इस निर्णय से असहमति प्रकट करते हुए केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय किया है, यह सर्वथा उचित है।
संघ के सरकार्यवाह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज के सभी प्रबुद्ध लोगों से अनुरोध करता है कि समाज में परस्पर सौहार्द बनाए रखने में योगदान दें। भैय्याजी ने अपील की कि लोग किसी प्रकार के बहकावे में आए बिना प्रेम और विश्वास बनाये रखते हुए किसी प्रकार के दुष्प्रचार का शिकार न हों। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट निर्णय की आड़ में जिस प्रकार से संघ के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है, वह आधारहीन एवं निंदनीय है। RSS का कोर्ट के इस निर्णय से कोई संबंध नहीं है।