हावड़ा: ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के आह्वान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त रुख अपना लिया है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने दावा किया कि ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल का राज्य में कोई असर नहीं होगा। कोलकाता में पुलिस ने सरकार के फैसले को अमल में लाने के लिए काम भी शुरू कर दिया है। यहां पुलिस ने हड़ताल कर रहे 48 CPM के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। केंद्र सरकार की ‘जन-विरोधी’ नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 48 घंटे (मंगलवार और बुधवार) के राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है।
बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस पर एक शब्द भी नहीं बोलना चाहती हूं। हमने किसी भी बंद को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है। अब बहुत हो गया। पिछले 34 वर्षों में वाम मोर्चे ने बंद का आह्वान कर पूरे राज्य को बर्बाद कर दिया। अब कोई बंद नहीं होगा।'' राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह मंगलवार और बुधवार को अपने कर्मचारियों के आधे दिन की छुट्टी या आकस्मिक अवकाश लेने पर रोक लगाएगी।
गौरतलब है कि ट्रेड यूनियनों सोमवार को केंद्र सरकार की श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के विरोध में एक संयुक्त बयान जारी कर जानकारी दी थी कि इस हड़ताल में करीब 20 करोड़ कर्मचारी शामिल होंगे। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के महासचिव अमरजीत कौर ने कहा था कि ‘‘भाजपा नीत सरकार की जनविरोधी और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल में सबसे ज्यादा संख्या में संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होंगे।’’
उन्होंने कहा कि दूरसंचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कोयला, इस्पात, बिजली, बैंकिंग, बीमा और परिवहन क्षेत्र के लोगों के इस हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद है। कौर ने कहा, ‘‘ हम बुधवार को नयी दिल्ली में मंडी हाउस से संसद भवन तक विरोध जुलूस निकालेंगे। इसी तरह के अन्य अभियान देशभर में चलाए जाएंगे।’’ कौर ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संघ एकतरफा श्रम सुधारों का भी विरोध करती हैं।
(इनपुट-भाषा)