नई दिल्ली: अपने नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा के दौरे के दूसरे पड़ाव पर पीएम मोदी ने विपक्षियों पर खूब हमला बोला। उन्होंने असम के अमीनगांव में जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोगों के लिए जन्म लेते ही भारत रत्न रिजर्व हो जाता था। वहीं, इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज नॉर्थ ईस्ट के विकास में नया इतिहास जुड़ रहा है।’
उन्होंनें सवाल किया ‘आखिर ऐसा क्यों रहा, कि कुछ लोगों के लिए जन्म लेते ही भारत रत्न तय हो जाता था और देश के मान-सम्मान के लिए जिन्होंने जीवन लगा दिया उनको सम्मानित करने के लिए दशक लग जाते थे?’ उन्होंने कहा कि ‘BC और AD यानि बिफोर कांग्रेस और आफ्टर डायनेस्टी का ही गौरवगान करने वालों से मैं आज यहां से पूछना चाहता हूं कि आखिर आपने भारत के सच्चे रत्नों को न पहचानने का कुटिल खेल दशकों तक क्यों खेला?’
पीएम मोदी ने गोपीनाथ बोरदोलोई और भुपेन हजारिका को भारत रत्न से सम्मानित किया जाने का जिक्र किया और कहा कि ‘आज मुझे गर्व है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय ही असम के दो सपूतों, गोपीनाथ बोरदोलोई और भुपेन हजारिका को भारत रत्न देने का काम किया गया है।’
पीएम ने कहा कि ‘ये पूरा देश देख रहा है कि चौकीदार की चौकसी से कैसे भ्रष्टाचारी बौखलाए हुए हैं और सुबह-शाम मोदी-मोदी के नाम की रट लगाए हुए हैं।’ उन्होंने असम में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि असम में पिछले 4.5 सालों में गैस और ऑयल सेक्टर से जुड़े 14,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘सरकार बनने के मात्र 1 वर्ष के अंदर ही वर्षों से लटकी वन रैंक- वन पेंशन योजना को लागू करने का काम मोदी सरकार ने किया है।’
पीएम मोदी ने कहा कि ‘असम और उत्तर पूर्व के लोगों के साथ मेरा विशेष लगाव है। आपका स्नेह और आशीर्वाद मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जितना अधिकार आपका मुझ पर है, उतना ही दायित्व मेरा भी आपके प्रति है।’ उन्होंने कहा कि ‘नागरिकता संशोधन का विषय सिर्फ असम या नॉर्थ ईस्ट से जुड़ा नहीं है, बल्कि देश के अनेक हिस्सों में मां भारती पर आस्था रखने वाली ऐसी संताने हैं, ऐसे लोग हैं जिनको अपनी जान बचाकर भारत आना पड़ा है।’