नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'मन की बात' के जरिए लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी के ‘मन की बात’ का ये 52वां संस्करण है। हालांकि, साल 2019 का ये पहला ही संस्करण है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हैं।
'मन की बात' में क्या बोले पीएम मोदी?
- 30 जनवरी पूज्य बापू की पुण्यतिथि है। हम भी जहां हों दो मिनट शहीदों को जरुर श्रद्धांजलि दें। पूज्य बापू का पुण्य स्मरण करें नये भारत का निर्माण और नागरिक के नाते अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने के संकल्प के साथ, आगे बढें।
- आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैं दो दिन बाद ही 29 जनवरी को सवेरे 11 बजे ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में देश भर के विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने वाला हूं। इस बार छात्रों के साथ-साथ अभिभावक और शिक्षक भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले हैं।
- परीक्षाओं के दिन आने वाले हैं। मैं सभी विद्यार्थियों, उनके माता-पिता और शिक्षकों को शुभकामनाएं देता हूं। हिमाचल प्रदेश के निवासी अंशुल शर्मा ने MyGov पर लिखा है कि मुझे परीक्षाओं और Exam Warriors के बारे में बात करनी चाहिए।
- 2 अक्टूबर, 2014 को हमने अपने देश को स्वच्छ बनाने और खुले में शौच से मुक्त करने के लिए एक साथ मिलकर एक चिर-स्मरणीय यात्रा शुरू की थी। भारत के जन-जन के सहयोग से आज भारत 2 अक्टूबर, 2019 से काफी पहले ही खुले में शौच मुक्त होने की ओर अग्रसर है।
- क्या आपने toilet चमकाने के कॉन्टेस्ट के बारे में सुना है? इस अनोखी प्रतियोगिता का नाम है ‘स्वच्छ सुन्दर शौचालय’। आपको कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक की “स्वच्छ सुन्दर शौचालय” की ढ़ेर सारी photos social media पर भी देखने को मिल जायेंगी। मैं सभी सरपंचों और ग्राम प्रधानों से अपनी पंचायत में इस अभियान का बढ़ाने का आवाहन करता हूं। अपने स्वच्छ toilet की फोटो #MyIzzatGhar के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।
- जो खेले वो खिले और इस बार के खेलो इंडिया में ढ़ेर सारे तरुण और युवा खिलाड़ी खिल के सामने आए हैं। पुणे में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 18 गेम्स में करीब 6,000 खिलाड़ियों ने भाग लिया और हर राज्य के खिलाड़ियों ने अपने-अपने स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
- जब हम इंडिया के निर्माण की बात कर रहे हैं तो वो युवा शक्ति के संकल्प का ही तो न्यू इंडिया है।
- किरण सिदर ने MyGov पर लिखा है कि मैं भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और उसके भविष्य से जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डालूं।
- डॉक्टर विक्रम साराभाई का भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे space programme में देश के असंख्य युवा वैज्ञानिकों का योगदान है।
- देश आज़ाद होने से लेकर 2014 तक जितने Space Mission हुए हैं, लगभग उतने ही Space Mission की शुरुआत बीते चार वर्षों में हुई है।
- हमने एक ही अंतरिक्ष यान से एक साथ 104 Satellites लॉन्च करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है। हम जल्द ही Chandrayaan-2 अभियान के माध्यम से चाँद पर भारत की मौजूदगी दर्ज कराने वाले हैं।
- हमारा देश, स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग जानमाल की रक्षा में भी बख़ूबी कर रहा है। हमारे मछुआरे भाइयों के बीच NAVIC devices बांटे गए हैं, जो उनकी सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक तरक्की में भी सहायक है।
- हम स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सरकारी सेवाओं के वितरण और उत्तरदायित्व को और बेहतर करने के लिए कर रहे हैं। ‘Housing for all’ यानि ‘सबके लिए घर’ – इस योजना में 23 राज्यों के करीब 40 लाख घरों को जिओ-टैग किया गया है।
- संत रविदास कहते थे - “मन चंगा तो कठौती में गंगा”। अर्थात यदि आपका मन और ह्रदय पवित्र है तो साक्षात् ईश्वर आपके ह्रदय में निवास करते हैं। मैं उन्हें नमन करता हूं।
- 19 फरवरी को रविदास जयंती है। संत रविदास जी के दोहे बहुत प्रसिद्ध हैं। गुरु रविदास जी का जन्म वाराणसी में हुआ था। संत रविदास जी ने अपने संदेशों के माध्यम से अपने पूरे जीवनकाल में श्रम और श्रमिक की अहमियत को समझाने का प्रयास किया।
- लाल किले में एक दृश्यकला संग्रहालय भी बनाया गया है। संग्रहालय में 4 ऐतिहासिक प्रदर्शनियां हैं, वहां तीन सदियों पुरानी 450 से अधिक पेंटिंग्स और art works मौजूद हैं। आप वहां जाएं और गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के कार्यों को अवश्य देखें।
- गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर को सभी लेखक और संगीतकार के रूप में जानते हैं। उन्होंने कई विषयों पर पेंटिंग्स भी बनाईं, खास बात ये है कि उन्होंने अपने अधिकांश कार्यों को कोई नाम ही नहीं दिया। उनका मानना था कि उनकी पेंटिंग देखने वाला खुद ही उस पेंटिंग को समझे।
- मैंने हमेशा से रेडियो को लोगों के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना है उसी तरह नेताजी का भी रेडियो के साथ काफी गहरा नाता था और उन्होंने भी देशवासियों से संवाद करने के लिए रेडियो को चुना था।
- 1942 में सुभाष बाबू ने आजाद हिन्द रेडियो की शुरुआत की थी और रेडियो के माध्यम से वो ‘आजाद हिन्द फौज’ के सैनिकों से और देश के लोगों से सवांद किया करते थे। सुभाष बाबू का रेडियो पर बातचीत शुरू करने का एक अलग ही अंदाज़ था। रेडियो से साप्ताहिक समाचार बुलेटिन भी प्रसारित करता था।
- लाल किले में नेताजी के परिवार के सदस्यों ने एक बहुत ही खास टोपी मुझे भेंट की। कभी नेताजी उसी टोपी को पहना करते थे। मैंने संग्रहालय में ही, उस टोपी को रखवा दिया, जिससे वहां आने वाले लोग भी उस टोपी को देखें और उससे देशभक्ति की प्रेरणा लें।
- 30 दिसंबर को मैं अंडमान और निकोबार द्वीप गया था। एक कार्यक्रम में ठीक उसी स्थान पर तिरंगा फहराया गया, जहां नेताजी सुभाष बोस ने 75 साल पहले तिरंगा फहराया था।
- कई वर्षों तक यह मांग रही कि नेता जी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किया जाए और मुझे इस बात की खुशी है, यह काम वर्तमान सरकार ही कर पाई है।
- भारत की इस महान धरती ने कई महापुरुषों को जन्म दिया है ऐसे महापुरुषों में से एक थे - नेताजी सुभाष चन्द्र बोस। 23 जनवरी को पूरे देश ने एक अलग अंदाज में उनकी जन्म जयन्ती मनाई।
- भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने का निरंतर प्रयास करने के लिए मैं चुनाव आयोग की सराहना करता हूं। मैं राज्यों के चुनाव आयोग, सभी सुरक्षा कर्मियों और अन्य कर्मचारियों की भी सराहना करता हूं जो स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करते हैं।
- हम सभी को अहसास होना चाहिए कि देश में मतदाता बनना, मत के अधिकार को प्राप्त करना, साथ-साथ मतदान करना हमारा कर्त्तव्य है। इस साल देश में लोकसभा के चुनाव होंगे, यह पहला अवसर होगा जहां 21वीं सदी में जन्मे युवा लोकसभा चुनावों में अपने मत का उपयोग करेंगे।
- आपने गुजरात के विषय में तो जरुर सुना होगा कि गिर के जंगल में, एक सुदूर क्षेत्र में, एक पोलिंग बूथ, जो सिर्फ केवल 1 मतदाता के लिए है। जब इन बातों को सुनते हैं तो चुनाव आयोग पर गर्व होना बहुत स्वाभाविक है।
- 25 जनवरी को चुनाव आयोग का स्थापना दिवस था, जिसे ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’, National Voters’ Day के रूप में मनाया जाता है।
- डॉ शिवकुमार स्वामी ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में लगा दिया। 111 साल के अपने जीवन काल में उन्होंने हजारों लोगों का भला किया। किसानों का हर तरह से कल्याण हो, ये उनकी प्राथमिकता रहती थी। डॉ कलाम साहब ने भी उनके लिए कविता लिखी थी। मैं ऐसे महापुरुष को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।