Friday, December 27, 2024
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शिवसेना से चुनावी जंग में उतरेगी डेलकर परिवार? मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले मोहन डेलकर के बेटे

बता दे कि सांसद मोहन डेलकर की 22 फरवरी 2021 को मुंबई के मरीन ड्राइव के एक होटल में मौत हुई थी। डेलकर का शव पंखे से लटका मिला था और कई सारी चर्चाएं उठी थी।

Reported by: Jayprakash Singh @jayprakashindia
Published : October 07, 2021 19:13 IST
Late Mohan Delkar's son meets Maharashtra CM Uddhav Thackeray
Image Source : TWITTER/@RAUTSANJAY61 दादर और नगर हवेली के दिवंगत सांसद मोहन डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।

मुंबई: दादर और नगर हवेली के दिवंगत सांसद मोहन डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। मोहन डेलकर के मौत के बाद केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली के सांसद की जगह रिक्त है जहां उप चुनाव की तारीख तय की गई है। इस सीट पर  30 अक्टूबर को मतदान होगा। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इस सीट पर बीजेपी ने महेश गावित को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, इस चुनाव के मद्देनजर मोहन डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने आज बान्द्रा में मातोश्री आकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात की।

माना जा रहा है की डेलकर परिवार शिवसेना से चुनावी जंग में उतरेगी और मातोश्री सूत्रों की माने तो उद्धव ठाकरे ने मोहन डेलकर की पत्नी कला बेन डेलकर को चुनाव लड़वाने का मन बना भी लिया है। खुद उद्धव ठाकरे और संजय राउत दादरा नगर हवेली डेलकर परिवार के प्रचार के लिए जाएंगे और शिवसेना के एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को भी इस चुनाव में लगाया जाएगा।

बता दे कि सांसद मोहन डेलकर की 22 फरवरी 2021 को मुंबई के मरीन ड्राइव के एक होटल में मौत हुई थी। डेलकर का शव पंखे से लटका मिला था और कई सारी चर्चाएं उठी थी। मोहन डेलकर 7 बार सांसद का चुनाव जीत चुके है और 7 बार सांसद बन चुके थे। दादरा नगर हवेली के अलावा वापी, दमन, सूरत और नवसारी में भी डेलकर परिवार के समर्थक बड़ी संख्या में हैं।

इसके पहले शिवसेना ने अर्जुन टाइगर को पार्टी की तरफ से 1998 में उम्मीदवार बनाया था और खुद बालासाहेब ठाकरे अर्जुन टाइगर के प्रचार में गए थे लेकिन उस चुनाव में मोहन डेलकर ने शिवसेना उम्मीदवार को हरा दिया था। मोहन डेलकर पहली बार 1989 में आदिवासी विकास संगठन नाम के निर्दलीय पार्टी से सांसद चुनकर आये थे। उसके बाद 1991 से 1996 तक वो कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे।

1998 में वो बीजेपी के टिकेट पर लड़े और शिवसेना उम्मीदवार को हराया, 1999 और 2004 में भी मोहन डेलकर बीजेपी के टिकेट पर जीते। 2009 में मोहन डेलकर ने फिर कांग्रेस जॉइन कर लिया था लेकिन 2019 मैं उन्होंने कांग्रेस से दूरी बना ली और निर्दलीय जीत कर आये। 2020 में डेलकर ने जनता दल जॉइन कर लिया था और 2021 फरवरी में उनकी मौत हुई।

मोहन डेलकर ने 19 सितंबर 2020 को एक वीडियो ट्वीट कर दादरा नगर हवेली के स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था। मोहन डेलकर के बेटे अभिनव ने भी लोकल ऑथोरिटी पर उनके समर्थकों को गलत मामलों में फंसाने के आरोप लगाया था। डेलकर परिवार के एसएसआर कॉलेज को तोड़ने की भी लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कोशिश की जिसे डेलकर परिवार ने कोर्ट के आर्डर से बचाया था।

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