निर्भया के दोषियों को शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी गई। करीब 7 साल 3 महीने के इंतजार के बाद निर्भया को न्याय मिल गया। लेकिन फांसी से पहले तिहाड़ जेल के भीतर और बाहर पूरी रात घटनाओं का दौर जारी रहा। दोषियों के वकील एपी सिंह ने रात भर दोषियों की फांसी टलवाने की कोशिश की। आखिरकार करीब पौने चार बजे सुप्रीम कोर्ट ने फांसी पर अंतिम मुहर लगाई। लेकिन इस बीच जेल के भीतर का घटनाक्रम भी तेजी से बदला। तिहाड़ सूत्रों के अनुसार फांसी से पहले दोषी विनय खूब रोया और माफी मांगने लगा। विनय ने कपड़े भी नहीं बदले। बाद में चारों को फांसी के तख्ते तक ले जाया गया। आईए जानते हैं कि तिहाड़ जेल में दोषियों के आखिरी चंद घंटे कैसे बीते-
फांसी से पहले दो घंटों में क्या हुआ-
- करीब 3.30 बजे पवन जल्लाद उठा और जेल अधिकारियों के साथ बैठक की।
- पवन जल्लाद फांसी कोठी में गया और फांसी की तैयारियों का फाइनल जायजा लिया।
- इसके बाद चारो दोषियों के सेल में सुरक्षा कर्मी पहुँचे और सभी दोषियों को जगाया गया।
- सूत्रों के मुताबिक, फांसी घर में डीएम पहुँचे। फांसी घर में फांसी से पहली की तैयारियां शुरू की गईं।
- इसके बाद फांसी घर की सीढ़ियों को साफ किया। चारों का मेडिकल किया गया।
- विनय को छोड़कर सबने कुर्ते पजामे पहन लिए।
- विनय कह रहा था मैं मरना नही चाहता, विनय रो रहा था।
- इसके बाद सुरक्षाकर्मी उसके सेल में अंदर गए।
- सबके हाथ पीछे से बांध दिए गए।
- विनय को समझा दिया कि अब कोई फायदा नही है।
- जेल कोठी लेकर जाने की तैयारी शुरू की गई।
- सबको एक साथ खड़ा कर दिया।
- सभी ने काले कुर्ते पजामे पहने, लेकिन चेहरा ढका नही था।
- फांसी होते हुए केवल 5 लोग ही देख पाए।
- जिनमें जेल सुपरिटेंडेंट, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, मेडिकल अफसर RMO और इलाके के मजिस्ट्रेट व एक अन्य स्टाफ शामिल था।
- इसके बाद फांसी कोठी के अंदर सभी दोषी पहुंचे
- सभी दोषियों के हाथ पैर बांध दिए गए
- चारो को फांसी के तख्ते तक ले जाया गया
- जेलर अपने ऑफिस गया आखिरी पुष्टि करने
- सभी आरोपी सुरक्षाकर्मियों के घेरे के बीच लाये गए
- हर आरोपी के साथ 12 सुरक्षाकर्मियों का घेरा था।
- कुल 48 सुरक्षाकर्मी दोषियों को फांसी कोठी लेकर पहुंचे ।
- ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई है। दो तख्तों पर दो दो दोषियों को फांसी दी गई।
- जेल डीजी ने फांसी की पुष्टि की।
- 6.00 बजे डॉक्टर ने चारों की मौत की पुष्टि कर दी।