रांची: नौ सौ पचास (950) करोड़ रुपये के चारा घोटाले में सजा काट रहे मामले के मुख्य अभियुक्त राजद अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अब डिप्रेशन के शिकार बताए गए हैं। रांची स्थित राजेन्द्र आयुर्विग्यान संस्थान के निदेशक आर के श्रीवास्तव ने आज यहां बताया कि लालू यादव डिप्रेशन से ग्रस्त हैं। श्रीवास्तव ने बताया, ‘‘लालू यादव डिप्रेशन में हैं। उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विग्यान संस्थान ने भी लालू यादव को अपने यहां से डिस्चार्ज करते हुए उनके डिप्रेशन में होने की बात का उल्लेख किया था। डिप्रेशन में होने के चलते लालू यादव को किसी मनोचिकित्सक को दिखाने के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि अभी इस बारे में कोई विचार नहीं किया गया है। लालू यादव को पिछले बुधवार को रिम्स के प्राइवेट वार्ड में स्थानान्तरित कर दिया गया था जिसमें उन्हें एक हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कमरे का शुल्क देना होगा। श्रीवास्तव ने बताया कि प्राइवेट वार्ड में लालू को स्थानांतरित करने के लिए जेल प्रशासन की अनुमति ली गई थी।
लालू ने रिम्स के सामान्य वार्ड में चिकित्सा के दौरान गंदगी, मच्छरों की समस्या और कुत्तों के भौंकने की शिकायत की थी जिसके बाद उनके अनुरोध पर उन्हें प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित करने का फैसला किया गया था। इससे पहले लालू यादव ने अंतरिम जमानत पर विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार केन्द्रीय जांच ब्यूरो की दोनों विशेष अदालतों के समक्ष 30 अगस्त को यहां आत्मसमर्पण कर दिया था। उसके बाद अदालतों के आदेश पर उन्हें सजा काटने के लिए वापस बिरसामुंडा जेल भेज दिया गया जहां से कारागार के चिकित्सक ने उन्हें उचित इलाज के लिए रिम्स अस्पताल भेज दिया था।
सीबीआई की दोनों विशेष अदालतों ने लालू को न्यायिक हिरासत में लेकर वापस बिरसा मुंडा जेल भेजने के आदेश दिए थे। लालू के अधिवक्ताओं ने लालू को इलाज के लिए रिम्स अस्पताल में भर्ती कराने का अनुरोध किया था जिसके बाद अदालतों ने जेल प्रशासन को लालू के स्वास्थ्य का उचित ख्याल रखने के निर्देश दिए। अदालत के आदेश के मद्देनजर लालू यादव को जेल ले जाया गया जहां के चिकित्सक ने लालू यादव को जांच एवं उचित इलाज के लिए रिम्स अस्पताल रेफर कर दिया था। बाद में लालू यादव को रिम्स ले जाया गया था जहां डाक्टर उमेश प्रसाद की यूनिट में उनकी चिकित्सा चल रही है।
झारखंड उच्च न्यायालय ने 24 अगस्त को लालू प्रसाद यादव को विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश दिए थे। अदालत ने लालू को आत्मसमर्पण करने के लिए 30 अगस्त तक की मोहलत दी थी। इससे पूर्व उच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की चारा घोटाले के देवघर कोषागार समेत सभी तीन मामलों में स्वास्थ्य कारणों से दी गई अंतरिम जमानत की अवधि को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था।
अदालत ने कहा था कि आवश्यक होने पर अब लालू का यहां रिम्स अस्पताल में इलाज होगा। झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए लालू के अधिवक्ताओं की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की दलील को 24 अगस्त को अस्वीकार कर दिया था। अदालत ने लालू को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए थे। लालू यादव चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद 14 वर्ष की सजा काट रहे हैं।