रांची: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार को साढ़े तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने सजा की अवधि पर बहस पूरी होने के बाद उन्हें सजा सुनाई। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पर इस मामले में पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने गतवर्ष 23 दिसंबर को इस घोटाले के संबंध में लालू प्रसाद और 15 अन्य को दोषी करार दिया था।
लालू यादव को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 467, 471एवं 477ए के तहत जहां साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी वहीं उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम:पीसी एक्टः की धारा 13 (2) के तहत 13(1) सी एवं डी के आधार पर दोषी करार देते हुए भी अलग से साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। अदालत ने बाद में स्पष्ट किया कि लालू की दोनों सजायें एक साथ चलेंगी। जुर्माना न अदा करने की स्थिति में लालू यादव को छह माह अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी।
इसी प्रकार, बिहार के पूर्व मंत्री एवं लालू के निकट सहयोगी रहे आर के राणा को अदालत ने भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी पाते हुए साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। उन्हें भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) के तहत अलग से साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी। राणा की भी दोनों सजायें एक साथ चलेंगी।