सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल): देश के विभिन्न हिस्सों और पड़ोसी देश बांग्लादेश व नेपाल से आए 31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के मौके पर पवित्र गंगा और बंगाल की खाड़ी के समागम पर बुधवार को डुबकी लगाई। प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तीर्थ यात्रा के लिये यहां करीब 40 लाख श्रद्धालु जुटे जिसने “पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए”। उन्होंने कहा, “दोपहर तक, 31 लाख से ज्यादा लोग पवित्र स्थल पर डुबकी लगा चुके थे। अंतिम संख्या इससे कहीं ज्यादा बढ़ सकती है।”
मकर संक्रांति पर हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित सागर द्वीप में डुबकी लगाने के लिये पहुंचते हैं और कपिल मुनि के मंदिर में प्रार्थना करते हैं। अधिकारियों ने कहा, “पिछले साल हमने द्वीप पर 20 लाख लोगों की संख्या दर्ज की थी। इस साल रिकॉर्ड टूट गया है। यह शांतिपूर्ण थी और तीर्थ यात्रियों ने भी इंतजामों की सराहना की है।” अधिकारियों ने कहा कि कोलकाता से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित इस द्वीप पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद स्थिति पर नजर रख रही हैं।
60 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई प्रयाग में आस्था की डुबकी
माघ मेले के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर बुधवार को लगभग 60 लाख लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। स्नानार्थियों ने हल्की बारिश होने के बावजूद भोर से ही स्नान करना शुरू कर दिया था। मेला अधिकारी रजनीश मिश्रा ने बताया कि सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी। श्रद्धालुओं को मेले में भटकना न पड़े, इसके लिए मार्ग प्रदर्शित करते हुए बोर्ड रास्तों पर लगाये गये हैं। मेले में कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना प्रकाश में नहीं आयी। उन्होंने बताया कि माघ मेला में सुरक्षा के मद्देनजर आरएएफ., पीएसी, एनडीआरएफ एवं जल पुलिस भी बराबर चैकसी करती रही।
जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने स्नान घाटों का भ्रमण कर सुरक्षा और सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में भटक गये 45 महिला-पुरूष व 4 बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया। मकर संक्रांति पर स्नान करने वाले प्रमुख संतों में जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, जगद्गुरू स्वामी अधोक्षजानंद और योग गुरू आनंद गिरि महाराज आदि शामिल रहे।