लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश): लखीमपुर खीरी हिंसा विपक्षी पार्टियों के लिए सियासी मौका है ऐसे में सियासत भी जमकर हो रही है। सबसे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश की वो सीतापुर तक पहुंच भी गईं लेकिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी लखनऊ में रोक दिया गया। बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी लखनऊ में ही हाउस अरेस्ट हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के गृह सचिव ने पंजाब-चंडीगढ़ के अफसरों को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि वहां के किसी भी व्यक्ति को लखीमपुर खीरी न आने दें। गृह सचिव ने यह पत्र लखीमपुर में हिंसा को बढ़ने से रोकने के उद्देश्य से लिखा है।
वहीं, अब पंजाब सरकार ने यूपी सरकार से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के लखीमपुर खीरी दौरे के लिए हेलीकॉप्टर की एयरपोर्ट पर लैंडिंग की इजाजात मांगी है। पंजाब सरकार के सिविल एविएशन के डायरेक्टर ने यूपी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखी है।
आपको बता दें कि सिर्फ पंजाब ही नहीं छत्तीसगढ़ के सीएम को भी लखीमपुर खीरी जाने से रोक दिया गया। यूपी सरकार ने बघेल के प्लेन को लैंडिंग की अनुमति नहीं दी इसके बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि यूपी में विरोध करने वालों को कुचल दिया जाता है, यूपी में नागरिकों के अधिकार खत्म हो चुके हैं..सवाल उठाया कि वहां जाने के लिए क्या वीजा लेना पड़ेगा।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई। खबरों के मुताबिक ‘स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल’ (एसयूवी) वाहनों द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी। खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने तिकोनिया में मीडियाकर्मियों को बताया कि इस घटना में चार किसान और चार अन्य (एसयूवी सवार) मारे गए।
मृतक किसानों की पहचान बहराइच जिले के नानपारा निवासी दलजीत सिंह व गुरविंदर सिंह तथा पलिया-खीरी के लवप्रीत सिंह और नछत्तर सिंह के रूप में हुई है। दो एसयूवी चालकों समेत चार अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है। प्रदर्शनकारी किसान, मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे, जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है। प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना से नाराज लोगों ने दो वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने कथित तौर पर कुछ यात्रियों की भी पिटाई की।
किसानों का आरोप है कि एक वाहन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा सवार था, हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज कर दिया है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घटना के लिए भाजपा और गृह राज्य मंत्री के पुत्र को जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक टीवी चैनल से कहा कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे। रास्ते में तिकुनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं के वाहनों पर पथराव कर दिया जिससे एक वाहन पलट गया। उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए। उनमें से शायद एक-दो लोगों की मृत्यु भी हुई है।
उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है। घटना के वक्त उनके पुत्र कार्यक्रम में मौजूद थे। ऐसे में इस घटना में उनके बेटे की संलिप्तता का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। गृह राज्य मंत्री ने दावा किया, ‘‘कार्यकर्ताओं ने नहीं, बल्कि किसानों ने कार्यकर्ताओं पर हमला किया। वहां किसानों के रूप में कुछ अराजक तत्व भी शामिल थे। उन्होंने ही घटना को अंजाम दिया है। इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होगी।’’