हरिद्वार: कुंभ मेले में पिछले तीन दिनों में कोरोना के 1200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हरिद्वार के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. एसके झा ने बताया कि 10 अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच तीन दिनों में 1278 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए जबकि 13 और 14 अप्रैल की रिपोर्ट आनी बाकी है। वहीं बुधवार को शाही स्नान में करीब 14 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण के मददेनजर जिला स्वास्थ्य विभाग तथा मेले से जुडी अन्य एजेंसियों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग पचास हजार जांच हो रही हैं।
कुंभ मेला पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने बताया कि मेला क्षेत्र की सीमाओं पर श्रद्धालुओं के कोविड प्रमाणपत्रों की सघन जांच हो रही हैं। उन्होंने कि प्रमाणपत्र न होने पर अब तक 56 हजार श्रद्धालुओं को सीमा से वापस लौटा दिया गया है। महाकुंभ शाही स्नान के दौरान भी आने जाने वाले लोगों को पुलिस के जवान मास्क बांटते और सावधानी बरतने की सलाह देते नजर आए। हर की पैडी तथा अन्य घाटों पर महाकुंभ मेला प्रशासन ने सैनिटाइजर की मशीनें लगाई थीं। प्रदेश में देश के अन्य हिस्सों की तरह कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ता जा रहा है। बुधवार को भी प्रदेश में कोविड-19 के 1953 नये मामले सामने आए जिनमें से 525 नए मरीज हरिद्वार में मिले। अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सहित 18 से अधिक संतों के कोरोना संक्रमित होने के बाद अन्य साधु संतों की भी कोविड जांच की जा रही है।
चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. एसके झा ने बताया कि मंगलवार तक पांच अखाड़ों में 500 साधुओं की कोरोना जांच की गयी जिनमें से 19 संत महामारी से संक्रमित मिले हैं। हालांकि, सभी 13 अखाडों के साधु संतों ने पूरी श्रद्धा के साथ गंगा में डुबकी लगाई। वहीं हरिद्वार और ऋषिकेश के विभिन्न गंगा घाटों पर आम श्रद्धालुओं ने नदी में डुबकी लगाई।
सबसे पहले पंचायती अखाड़ा निरंजनी के साधु संत अपने पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के नेतृत्व में हर की पैडी ब्रहमकुंड पहुंचे जहां उन्होंने अपने इष्टदेव की पूजा अर्चना करने के बाद ‘‘हर—हर महादेव’’ और ‘‘गंगा मैया की जय’’ के उदघोष के साथ शाही स्नान किया। उनके साथ आनंद अखाड़े के संतों ने भी शाही स्नान किया। इसके बाद सबसे ज्यादा नागा संन्यासियों वाले जूना अखाड़ा, अग्नि और आवाहन अखाड़े के संतों ने ‘‘हर हर महादेव’’ का जयघोष करते हुए पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज की अगुवाई में शाही स्नान किया। इनके साथ ही किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अन्य संतों ने भी स्नान किया।
इसके बाद महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संतजनों ने हर की पैडी ब्रहमकुंड में शाही स्नान किया। इसके बाद शाही स्नान के लिए तीनों बैरागी अखाडे़—पंच निर्वाणी अणि अखाड़ा, पंच दिगम्बर अणि अखाड़ा और पंच निर्मोही अणि अखाड़े के संत हर की पैडी ब्रहमकुंड में पहुंचे। पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन निर्वाण और इसके बाद श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा निर्वाण के साधु संतों ने स्नान किया। सबसे आखिर में निर्मल अखाड़ा के साधु संतों ने जयघोष करते हुए शाही स्नान किया।
इनपुट-भाषा