प्रयागराज: मकर संक्रांति पर विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं के शाही स्नान के साथ कुम्भ मेला मंगवार से प्रारंभ हो गया। तीन केंद्रीय मंत्रियों- स्मृति ईरानी, उमा भारती और निरंजन ज्योति ने आज गंगा, यमुना और पौराणिक नदी सरस्वती के संगम में स्नान किया। मंगलवार को तड़के 3 बजे से शाम पांच बजे तक लगभग 1.40 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। अपर मेलाधिकारी दिलीप त्रिगुणायत ने यहां मीडिया सेंटर में संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार शाम 5 बजे तक लगभग 1.40 करोड़ लोगों के स्नान करने का अनुमान है। सोमवार को लगभग 56 लाख लोगों ने स्नान किया था। इस तरह से सोमवार और मंगलवार को कुल मिलाकर करीब दो करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई।
त्रिगुणायत ने बताया कि संगम स्नान करने वाले अति विशिष्ट व्यक्तियों में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उमा भारती और निरंजन ज्योति शामिल हैं। जहां ईरानी ने अरैल घाट से नौका के जरिए संगम आकर स्नान किया, वहीं उमा भारती ने सरस्वती घाट से नौका ली और संगम में डुबकी लगाई। दूसरी ओर, निरंजन ज्योति ने निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर के रूप में शाही स्नान किया। कड़कड़ाती ठंड में सुबह 5:45 बजे श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और पंचायती अटल अखाड़ा के नागा साधु-सन्यासी अपने लाव-लश्कर के साथ संगम पहुंचे और संगम में डुबकी लगाई। अटल अखाड़ा के बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़ा के नागा साधु संतों से शाही स्नान किया। निरंजनी अखाड़ा में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री निरंजन ज्योति का सोमवार को महामंडलेश्वर के रूप में पट्टाभिषेक किया गया था।
नागा संन्यासियों का शाही स्नान देखने भारी तादाद में लोग संगम क्षेत्र में मौजूद थे। स्नानार्थियों का संगम क्षेत्र में स्वागत करते हुए हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। चारों ओर उत्साह का माहौल देखते ही बन रहा था। आनंद अखाड़ा के शाही स्नान के बाद नागा साधुओं के सबसे बड़े अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा के साधु संन्यासियों ने शाही स्नान किया। जूना अखाड़ा में सैकड़ों की संख्या में नागा साधु संन्यासी शामिल थे और इस अखाड़े का लश्कर सबसे बड़ा था। जूना अखाड़े के लश्कर में नागा साधुओं के पीछे अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज का रथ था और इनके पीछे जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विश्वंभर भारती जी महाराज का रथ था।
इस मेले में पहली बार किन्नर अखाड़ा के संन्यासियों ने अमृत स्नान किया। किन्नर अखाड़े की अगुवाई इस अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने की। हाल ही में जूना अखाड़ा ने किन्नर अखाड़े को अपने से संबद्ध किया है। हालांकि अखाड़ा परिषद ने किन्नर अखाड़ा को मान्यता नहीं दी है। सभी अखाड़ों को बारी-बारी से स्नान के लिए आधे से पौन घंटे का समय दिया गया था। सुबह का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होने के बावजूद बड़ी तादाद में लोग गंगा और संगम में डुबकी लगा रहे थे जिसमें बुजुर्ग भी शामिल थे। दोपहर लगभग चार बजे तक शेष अखाड़ों- श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा, श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा नया उदासीन, पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन और श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के साधु संतों ने शाही स्नान किया।
त्रिगुणायत ने बताया कि मंगलवार को सरकार द्वारा स्थापित खोया-पाया केंद्रों और दो एनजीओ द्वारा संचालित खोया-पाया केंद्रों में कुल 1700 लोगों के बिछड़ने के मामले दर्ज किए गए जिसमें से 1500 लोगों को उनके परिजनों से मिला दिया गया, जबकि शेष 200 लोगों को एनजीओ के शिविर में भेजा गया है। मेला प्रशासन के अनुसार दिन में धूप खिलने से स्नानार्थियों की संख्या में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि परम पूज्य अखाड़ों के सानिध्य में आज शाही स्नान की परंपरा संपन्न हो रही है। यहां सुरक्षा और साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त की गई है। सभी श्रद्धालुओं को साधु संतों के अच्छे से दर्शन हों, हमने यह प्रयास किया है।