नई दिल्ली: पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ बदसलूकी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी अधिकारियों के रवैए पर सख्त ऐतराज जताया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक कुलभूषण की मां और पत्नी को मराठी भाषा में बातचीत करने की इजाजत नहीं दी। मुलाकात से पहले मंगलसूत्र, चूड़ी, कंगन और जूत तक उतरवाए गए। कुलभूषण की पत्नी के जूते तक वापस नहीं किए गए। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसपर सख्त आपत्ति जताई है और इसे गैर जिम्मेदाराना हरकत बताया है।
भारत ने अपने बयान में कहा, "हम अफसोस के साथ कह रहे हैं कि पाकिस्तानी पक्ष ने जिस तरह से मुलाकात आयोजित की, वह 'मौजूदा आपसी समझ' का सरासर उल्लंघन है।" बयान में कहा गया है कि जाधव की पत्नी के जूते वापस नहीं किए गए और इस्लामाबाद में विदेश विभाग के कार्यालय के बाहर कुछ पाकिस्तानी मीडियाकर्मियों ने दोनों महिलाओं को ताने मारे। बयान में यह भी कहा गया है कि मुलाकात से प्राप्त फीडबैक के अनुसार, "ऐसा प्रतीत होता है कि जाधव काफी दबाव में थे और तनाव की स्थिति में बात कर रहे थे।"
बयान के अनुसार, "जाधव की अधिकतर टिप्पणी स्पष्ट तौर पर सिखाई हुई और पाकिस्तान में कथित रूप से उसकी संदिग्ध गतिविधि पर आधारित थी। मुलाकात के दौरान उसकी उपस्थिति से उनके स्वास्थ्य पर सवाल उठ रहे हैं।" दोनों पक्षों के बीच शीशे की दीवार थी और इंटरकॉम के जरिए बातचीत हुई। कल पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी ने उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद दिल्ली वापस लौटकर उनकी मां और पत्नी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से दिल्ली में मुलाक़ात की। उनके साथ विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर और विदेश सचिव भी थे।
सोमवार को पाकिस्तान की जेल में कथित जासूसी के आरोप में बंद कुलभूषण जाधव की मां एवं पत्नी ने यहां पाकिस्तानी विदेश कार्यालय में उनसे लगभग 40 मिनट तक मुलाकात की थी।जाधव और उनकी मां व पत्नी के बीच ग्लास पैनल लगे हुए थे और उन्होंने स्पीकर फोन के जरिए बातचीत की। मंत्रालय पहुंचने के बाद जाधव की मां और पत्नी ने मीडियाकर्मियों का अभिवादन नमस्ते कहकर किया लेकिन उनके सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।