नई दिल्ली: सक्रिय बलूच कार्यकर्ता मामा कदीर का दावा है कि पाकिस्तान में कारावास की यातना झेल रहे भारतीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की खुफिया संस्था आईएसआई के इशारे पर किराये के टट्टूओं ने ईरान के चाबहार से अगवा किया था। एक समाचार चैनल की ओर से गुरुवार को प्रसारित एक साक्षात्कार में कदीर ने दावा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के लिए काम करने वाले मुल्ला उमर बलूच ईरानी ने जाधव को ईरान के चाबहार से अगवा किया था।
कदीर बलूच को वॉइस फॉर मिसिंग बलूच्स नामक संगठन से इसकी जानकारी मिली। कदीर इस संगठन के उपाध्यक्ष हैं। कदीर ने कहा, "हमारे संयोजक वहां मौजूद थे। जाधव का अपहरण करने के लिए आईएसआई की ओर से मुल्ला उमर को करोड़ों रुपये दिए गए थे।"
कदीर ने कहा कि मुल्ला उमर ईरानी बलूचिस्तान में कुख्यात आईएसआई एजेंट के रूप में मशहूर है और उसे पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ वहां आवाज उठाने वालों को अगवा करने के लिए जाना जाता है।
उन्होंने बताया कि जाधव के दोनों हाथ बांध दिए गए थे। उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी गई थी और उन्हें डबल डोर की एक कार में बैठाकर ले जाया गया था। उन्होंने कहा, जाधव को पहले चाहबहार से ईरान और बलूचिस्तान सीमा स्थित शहर मशकेल ले जाया गया, जहां से उनको बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा लाया गया और वहां से इस्मालाबाद।
कदीर ने कहा, "हम जानते थे कि कुलभूषण जाधव ईरान में एक व्यवसायी थे। आईएसआई ने घोषणा की थी कि उन्होंने बलूचिस्तान में जाधव को पकड़ा है। दरअसल, जाधव कभी बलूचिस्तान आए ही नहीं थे।"
जाधव को पाकिस्तान की एक अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई हुई है। भारत ने यह मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में उठाया जहां फिलहाल जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने का आदेश दिया गया।