नई दिल्ली: इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने बुधवार को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए। इसे भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। इसके साथ ही, आईसीजे ने पाकिस्तान से जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने के लिए कहा है। पाकिस्तान ने आईसीजे के इस फैसले पर ऐतराज जताया लेकिन आईसीजे ने इसे खारिज कर दिया इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी जीत बताते हुए कह रहा है कि आईसीजे ने भारत की मांग खारिज कर दी। पाकिस्तानी मीडिया बार-बार यहीं दुहरा रहा है कि भारत ने जाधव की रिहाई की मांग की थी लेकिन उसे कोर्ट से झटका लगा है।
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर भारत में काफी गुस्सा देखने को मिला था। आज फैसले को पढ़ते हुए अदालत के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और सजा पर फिर से विचार करने का आदेश दिया।
आईसीजे के जज यूसुफ के नेतृत्व में 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलों को सुनने के बाद 21 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मामले की कार्यवाही पूरी होने में दो साल दो महीने का समय लगा। भारत ने जाधव तक बार-बार कंसुलर एक्सेस नहीं मिलने पर पाकिस्तान द्वारा वियना समझौते के प्रावधानों का जबरदस्त उल्लंघन करने के लिए आठ मई, 2017 को आईसीजे का रुख किया था। आज कोर्ट ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला सुनाया तब भी पाकिस्तान अपनी जीत बता रहा है और वहां की मीडिया भी पाकिस्तान की जीत बता रही है।
जानिए पाकिस्तान की मीडिया कुलभूषण जाधव मामले में क्या लिख रही है-
पाकिस्तान के ''डॉन'' अखबार ने अपनी खबर का शीर्षक लिखा है- ICJ ने जाधव की वापसी के लिए भारत की याचिका को खारिज किया, कॉन्सुलर एक्सेस मिला
पाकिस्तान के जियो टीवी ने लिखा है- ICJ ने कुलभूषण जाधव को बरी करने के लिए भारत की याचिका खारिज कर दी