नई दिल्ली: अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और नौकरी एवं शिक्षा में आरक्षण को चुनौती देने के लिए विभिन्न राज्यों के राजपूत संगठनों ने एक गठबंधन बनाने के लिए शुक्रवार को यहां मुलाकात की।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष राजा राजेंद्र सिंह ने कहा कि “क्षत्रिय जन संसद” नामक यह गठबंधन राम जन्मभूमि का मुद्दा भी उठाएगा। जन संसद ने देश में राजपूतों के सामने आ रहे मुद्दों पर चर्चा की और समुदाय की “गरिमा” को संरक्षित करने के लिए एकजुटता की बात कही।
कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक और दिल्ली समेत करीब 20 राज्यों के क्षत्रिय संगठनों के पदाधिकारी इस बैठक में शामिल हुए। क्षत्रिय महासभा के महासचिव उमेश सिंह ने बताया कि इस गठबंधन में राजपूत संगठनों के पदाधिकारियों के साथ-साथ देशभर में क्षत्रिय समुदाय के प्रमुख सदस्य शामिल हैं।
राजेंद्र सिंह ने कहा, “जन संसद अजा/ अजजा कानून को खत्म करने के लिए काम करेगी जिसके चलते राजपूतों समेत अन्य लोगों का उत्पीड़न होता है।” कार्यक्रम के दौरान कई राजपूत नेताओं ने आरक्षण नीति जारी रखे जाने के मुद्दे पर चिंता जाहिर की और इसे खत्म कर सभी अकादमिक एवं नियुक्ति संबंधी मामलों में मेरिट आधारित अवसर मुहैया कराने की बात कही।