नई दिल्ली। पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। आरोपियों में संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक़, मुख्तार अंसारी, अफज़ाल अंसारी, राकेश पांडेय, रामु मल्लाह, मंसूर अंसारी और मुन्ना बजरंगी है। आपको बता दे कि मुन्ना बजरंगी की मौत पहले ही हो चुकी है।
मुख्तार के लिए चुनौती बनकर उभरे थे कृष्णानन्द!
कहा जाता है कि पूर्वांचल में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय मुख्तार अंसारी के लिए चुनौती बनकर उभरे थे। मुख्तार अंसारी को काफी नुकसान हुआ था। आरोप ये भी है इसी वजह से मुख्तार अंसारी ने मुन्ना बजरंगी को कृष्णानन्द राय को खत्म करने की सुपारी दी थी।
29 नवंबर 2005 को हुई थी हत्या
कृष्णानन्द राय की हत्या 29 नवंबर 2005 की शाम को हुई। उन्हें भांवरकोल क्षेत्र के बसनिया पुलिया के पास अपराधियों ने स्वचालित हथियारों से उनके छह साथियों के साथ भून दिया। बताया जाता है कि हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थीं।