![ममता का गुस्सा फूटा, डॉक्टरों का सब्र टूटा; लगी इस्तीफों की झड़ी](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पिछले चार दिनों से अस्पतालों में ताला लटका हुआ है। डॉक्टरों की मांग पर ममता सरकार ने अब तक फैसला नहीं किया है और डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की धमकी का असर ये हुआ कि गुरुवार शाम होते होते बंगाल के कई अस्पतालों से सीनियर डॉक्टरों के इस्तीफे की खबर ममता के दफ्तर तक पहुंचने लग गई। चार दिनों से चल रहे डॉक्टरों की इस हड़ताल को ममता ने कल बीजेपी से भी जोड़ दिया था।
कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के चार प्रोफेसरों ने इस्तीफा दे दिया तो सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज के 18 डॉक्टरों ने भी इस्तीफा दे दिया और जिस एनआरएस मेडिकल कॉलेज में हंगामा हुआ उसके प्रिंसिपल ने भी इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे से घबराई ममता बनर्जी अब इस्तीफा वापस लेकर काम पर लौटने की गुजारिश कर रही है लेकिन डॉक्टर सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं।
डॉक्टर की हड़ताल की वजह से बंगाल में इलाज ठप है। कोलकाता के एसएसकेएम कॉलेज में अस्पताल के बाहर धरना जारी है और ममता बनर्जी इसे साजिश कह रही है। हैरानी की बात तो ये है कि ममता बनर्जी डॉक्टरों को धमकी दे रही हैं और उनका भतीजा डॉक्टरों के समर्थन में आंदोलन में शामिल है।
डॉक्टरों के मांगों के बीच रोजाना सैकड़ों मरीज परेशान हो रहे हैं। दो दिन पहले शुरू हुए इस आंदोलन की आग लखनऊ से होते हुए दिल्ली तक पहुंच गई है। एम्स के डॉक्टर भी अब बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में आ गए हैं। दरअसल कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में तीन दिन पहले एक मरीज की मौत हो गई थी। मौत के बाद परिवार वालों ने हंगामा किया और दो जूनियर डॉक्टर को बुरी तरह पीट दिया। एक डॉक्टर आईसीयू में है, जबकि दूसरे की हड्डियां तक टूट गई है।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सेंध और अपने हाथ से फिसलती सत्ता को देखते हुए ममता बौखलाई हुई हैं। डॉक्टरों की हड़ताल को ममता ने बीजेपी की साजिश से जोड़ दिया है लेकिन बीजेपी बोल रही है ये और कुछ नहीं अपने लोगों को बचाने की कोशिश है क्योंकि हमलावर टीएमसी कार्यकर्ता हैं।
जूनियर डॉक्टरों पर हमले के विरोध में पश्चिम बंगाल ही नहीं, देश के कई राज्यों में डॉक्टरों ने सुरक्षा पर आवाज उठाई है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक गुरुवार को यही सिलसिला चलता रहा। लखनऊ और दिल्ली में एक साथ सीनियर और जूनियर डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली के एम्स में विरोध जताने के लिए डॉक्टर हेलमेट और बांह पर पट्टी बांध कर मरीजों का इलाज करते हुए नजर आए।