Saturday, November 16, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. जानिए मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के लिए क्‍यों चुना गया मामल्लपुरम, क्‍या है 1700 साल पुराना कनेक्‍शन?

जानिए मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के लिए क्‍यों चुना गया मामल्लपुरम, क्‍या है 1700 साल पुराना कनेक्‍शन?

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कल भारत आ रहे हैं। वे अगले दो दिन चेन्नई के निकट मामल्लपुरम यानि महाबलीपुरम में बिताएंगे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 10, 2019 14:49 IST
Mamallapuram- India TV Hindi
Mamallapuram

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कल भारत आ रहे हैं। वे अगले दो दिन चेन्‍नई के निकट मामल्लपुरम यानि महाबलीपुरम में बिताएंगे। यहां भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत होगी। दोनों नेता कई मसलों पर बातचीत करेंगे और मंदिरों के दर्शन करेंगे। लेकिन ये बातचीत पूरी तरह से अनौपचारिक है। यानि इस बातचीत का कोई निश्चित एजेंडा नहीं होगा। इस बीच सवाल उठता है कि भारत सरकार ने चीनी राष्‍ट्रपति के दौरे के लिए महाबलीपुरम को ही क्‍यों चुना? दरअसल यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है, बल्‍कि इसके पीछे महाबलीपुरम और चीन के बीच 1700 साल पुराना इतिहास है। 

हिंदू राजा नरसिंह देववर्मन द्वारा स्थापित महाबलीपुरम को मामल्लपुरम भी कहा जाता है। तमिलनाडु में समंदर किनारे बसे प्राचीन मंदिरों वाले इस शहर से चीन का पुराना रिश्‍ता है। पुरातात्‍विक खोजों में इस प्राचीन शहर से चीन, फारस और रोम के प्राचीन सिक्के मिले थे। इतिहासकारों के मुताबिक ये इस बात के सबूत देते हैं कि यहां पर बंदरगाह के जरिए इन देशों के साथ व्यापार होता था। महाबलीपुरम का शोर मंदिर, अर्जुन का तपस्या स्थल व पांच रथ विशेष आकर्षण हैं।

Mamallapuram

Mamallapuram

Mamallapuram

Mamallapuram

1700 साल पुराना है रिश्‍ता 

बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा महाबलीपुरम एक प्राचीन बंदरगाह शहर है।यह प्राचीन समय में व्यापार का बड़ा केंद्र था और पूर्वी देशों के साथ यहां से सीधे तौर पर व्यापार होता था। इस क्षेत्र में पल्लव वंश का राज था और पल्लव वंश के राजा नरसिंह द्वितीय ने तब चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अपने दूतों को चीन भी भेजा था। इसी के पास बसे कांचिपुरम का भी चीन के साथ पुराना संबंध है।

Mamallapuram

Image Source :
Mamallapuram

यहां मिले हैं चीन के सिक्‍के और बर्तन 

मशहूर पुरातत्वविद एस राजावेलू ने बताया है कि तमिलनाडु के पूर्वी तट पर बरामद हुए पहली और दूसरी सदी के सेलाडॉन (मिट्टी के बर्तन) हमें चीनी समुद्री गतिविधियों के बारे में बताते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे साक्ष्य और अन्य पुरातात्विक सबूतों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वर्तमान महाबलीपुरम और कांचीपुरम जिले के तटीय क्षेत्रों समेत इन क्षेत्रों का चीन के साथ संबंध था।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement