Monday, December 23, 2024
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टूलकिट कांड में आया पीटर फेड्रिक का नाम, अमेरिका में महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ने की ली थी जिम्मेदारी

टूलकिट मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं और नए नाम भी सामने आ रहे हैं। दिशा रवि, निकिता और शांतनु के नाम सामने आने के बाद एक तीसरा नाम भी सामने आया। ये तीसरा नाम है पीटर फेड्रिक का।

Reported by: Atul Bhatia @atul_bhatia1
Updated : February 15, 2021 18:26 IST
Know who is Peter Frederick, whose name has come up in Toolkit case
Image Source : DELHI POLICE/PTI टूलकिट मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं और नए नाम भी सामने आ रहे हैं। 

नई दिल्ली: टूलकिट मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं और नए नाम भी सामने आ रहे हैं। दिशा रवि, निकिता और शांतनु के नाम सामने आने के बाद एक तीसरा नाम भी सामने आया। ये तीसरा नाम है पीटर फेड्रिक का। ये लोग खालिस्तानी भजन सिंह भिंडर के संपर्क में थे। भजन सिंह भिंडर खालिस्तानी है और पीटर फेड्रिक भी K2 से ताल्लुक रखता है। पीटर फेड्रिक का नाम टूलकिट के resouce में क्यों डाला गया इसकी जांच चल रही है।

पुलिस के मुताबिक, पीटर फेड्रिक मलेशिया में रह रहा है और फांसीवाद पर शोध कर रहा है। अमेरिका में महात्मा गांधी की जिन प्रदर्शनकरियो ने मूर्ति तोड़ी थी उसका क्लेम पीटर ने किया था। पुलिस के मुताबिक, जिस zoom meeting में निकिता शामिल थी उसमें 60 से 70 लोग थे। ये भी पता लगाया जा रहा है कि इस zoom मीटिंग में पीटर था या नहीं इसकी जांच भी हो रही है। साथ ही, दिल्ली पुलिस ने गूगल से जो जानकारी मांगी थी, उसका जवाब आ गया है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक खालिस्तानी समर्थक एमओ धालीवाल पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है। दिल्ली पुलिस की कोशिश होगी उसे हिंदुस्तान लाकर जांच में शामिल करवाया जाए। पीटर फेड्रिक के बारे में बताया जा रहा है कि वो खालिस्तानी समर्थक है। इसको भी तमाम ट्वीट टैग किये गए थे। खाकिस्तानी समर्थक जिसकी पूरी जानकारी साल 2005-06 से जांच एजेंसियों के पास है, भजन सिंह भिंडर उसके संपर्क में पीटर फेड्रिक कई सालों से था। भजन सिंह भींडर खालिस्तानी है और पीटर फेड्रिक भी K2 से तालुख रखता है। पीटर फेडरिक ने ये प्लान किया कि किसे हैशटैग करना है ,किसे फॉलो करना है, कब क्या ट्वीट कराना है।

टूलकिट की तफ्तीश के दौरान दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को कई अहम जानकारियां मिली है। टूलकिट एक ऐसा डॉक्यूमेंट था, जो कुछ लोगों के बीच शेयर होना था लेकिन ग्रेटा ने गलती से ये ट्वीट कर दिया। ये भी पता चला कि 6 दिसंबर 2020 को तैयार किये गए एक व्हाट्सएप ग्रुप से ये सभी आपस मे जुड़े हुए थे। दिशा रवि के मोबाइल डेटा से पता चला कि उसने निकिता और शांतनु के साथ मिलकर टूलकिट को बनाया और उसे सर्कुलेट किया। निकिता फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर फाउंडेशन से जुड़ी है। उसने ही ये टूलकिट टेलीग्राम पर ग्रेटा को दी थी। शांतनु महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला है। ये एक NGO XR से जुड़ा है जिससे निकिता भी जुड़ी हुई है। शांतनु पेशे से इंजीनियर है।

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