करीब 7 साल लंबी कानूनी जंग के बाद आखिरकार निर्भया को न्याय मिल गया। निर्भया के दोषियों को आज सुबह 5.30 बजें फांसी दे दी गई। जेल मेनुअल के अनुसार तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल के अलावा चार अन्य लोग मौजूद थे। नियम के अनुसार जेल डीजी ने फांसी की सजा से पहले चारों दोषियों से उनकी अंतिम इच्छा पूछी। दरअसल यह अंतिम इच्छा उनकी प्रॉपर्टी विल यानि जायदाद की जानकारी होती है। निर्भया के दोषियों ने जेल डीजी द्वारा पूछी गई इस अंतिम इच्छा पर कोई जवाब नहीं दिया। अंतत: चारों को फांसी के तख्त पर भेज दिया गया।
2012 में दिल्ली में हुए जघन्य बलात्कार एवं हत्याकांड को लेकर देश भर में उबाल था। ऐसे में आज फांसी के वक्त तिहाड़ के बाहर लोगों की भीड़ जमा रही। दोषियों को 5.30 बजे फांसी के तख्ते से लटका दिया गया। लेकिन फांसी से दो घंटे पहले तक निर्भया के दोषियों की कानूनी लड़ाई जारी रही। करीब पौने चार बजे सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की फांसी पर अंतिम मुहर लगाई।
लेकिन इस बीच जेल के भीतर का घटनाक्रम भी तेजी से बदला। तिहाड़ सूत्रों के अनुसार फांसी से पहले दोषी विनय खूब रोया और माफी मांगने लगा। विनय ने कपड़े भी नहीं बदले। बाद में चारों को फांसी के तख्ते तक ले जाया गया।