भोपाल। इन दिनों मध्य प्रदेश की सियासत में हड़कंप मचा हुआ है। वजह है हनीट्रैप के एक ऐसे मामले का खुलासा, जिसमें सूबे की दोनों ही बड़ी पार्टियों के नातओं के नाम सामने आए हैं। इस मामले में पुलिस ने जिन महिलाओं को गिरफ्तार किया है, उन्होंने नेताओं और अफसरों को जमकर ब्लैक मेल किया है। कोर्ट ने इस मामले में 3 आरोपी महिलाओं को 30 सितंबर, जबकि दो अन्य महिलाओं को 1 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है।
इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा खुद कमलनाथ सरकार के दिग्गज मंत्रियों ने किया जब उन्होंने पर्दाफाश किया कि दरअसल इस गैंग का मकसद अल्पमत में मौजूद कमलनाथ सरकार के 7 विधायकों और दो मंत्रियों को अपने जाल में फंसा कर उनके पोर्न वीडियो बनाकर सरकार को गिराना था, जिसके बाद तो जैसे मध्य प्रदेश की सियासत में हंगामा बरप गया।
इंजीनियर ने लगाई पुलिस से गुहार
ये संगीन साजिश शायद कभी उजागर नहीं होती, अगर इंदौर नगर पालिका निगम का एक इंजीनियर डर के तिलिस्म को तोड़कर इंदौर पुलिस के पास गुहार नहीं लगाता। इंजीनियर की शिकायत पर पुलिस ने ब्लैकमेल करने वाली भोपाल की एक महिला को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए बहुत ही सावधानी से पूरा जाल बिछाया।
लगातार इंजीनियर को किया जा रहा था ब्लैकमेल
बताया जा रहा है कि आरोपी महिला के पति की निगम इंजीनियर से दोस्ती थी। महिला ने नौकरी दिलाने के बहाने एक 18 साल की छात्रा से इंजीनियर की दोस्ती करवाई, फिर होटल में छात्रा ने मोबाइल फोन से दोनों का वीडियो बनाया। वीडियो बनाने के बाद छात्रा और महिला इंजीनियर को ब्लैकमेल करने लगी। ब्लैक मेलिंग का यह सिलसिला 8 महीनों से चल रहा था इसी दौरान इंजीनियर तीन बार पैसे भी दे चुका था।
तीन बार पैसे देने के बावजूद इंजीनियर से मांगे 3 करोड़
इस बार तीन करोड़ की डिमांड आई तो इंजीनियर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी, जिसके बाद पुलिस ने इंजीनियर से फोन करवा कर महिला को 50 लाख लेने के लिए इंदौर बुलाया गया। 17 अक्टूबर को महिला क्रेटा कार में छात्रा के साथ पहुंची। इन्होंने शुरुआती जांच में भोपाल की कुछ युवतियों के नाम बताएं। इनकी निशानदेही पर 24 घंटे के अंदर एटीएस की टीम भोपाल पहुंची और भोपाल पुलिस की मदद से मिनाल रेसीडेंसी से, रेवेरा टाउनशिप से, और कोटरा से तीन अलग-अलग महिलाओं को हिरासत में लिया।
सत्ता के गलियारों से जुड़ा है मामला!
रात तीन बजे भोपाल के गोविंदपुरा से इन युवतियों को लेकर जब पुलिस टीम इंदौर के लिए रवाना हुई, तब तक साफ हो चुका था कि ये ब्लैकमेलिंग से जुड़ा कोई छोटा मामला नहीं है। बल्कि इसके तार सत्ता के गलियारों से जुड़े है। लोगों को समझ आ चुका था कि ये हनी ट्रैप से जुड़ा मामला है। इतनी बड़ी साजिश के बेपर्दा होने के बाद काफी देर तक सरकार और पुलिस से जुड़ा कोई जिम्मेदार इस मामले की पुष्टि करने के लिए सामने नहीं आ रहा था।
18 अक्टूबर को हुआ खुलासा
लिहाजा 18 अक्टूबर को दोपहर में इंदौर पुलिस के आला अधिकारी सामने आए और खुलासा किया गया कि इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो हनी ट्रैप के जरिए अधिकारी, नेता, कारोबारी और रसूखदारों को फंसा कर उनसे मोटी रकम एठते थे। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियोंको कोर्ट में पेश कर इन लोगों की पुलिस रिमांड ली।
पुलिस को मिले कई सबूत
पुलिस ने इनसे पास के कई सबूत जुटा चुकी है, जिसमें करीब 1 हजार वीडियो और कई गेजेस्ट, स्पाय कैमरे और साफ्टवेयर हैं। जिसकी मदद से इन शातिर हसिनाओं ने वीडियों बनाए और करोड़ो रुपए ऐठे। पूछताछ के दौरान गिरोह की दो प्रमुख आरोपी कई बार बयान बदल चुकीं है और उन्होंने कई खुलासे भी किए है, जबकि दो अन्य आरोपी धमकी देकर मामले को भटकाने की कोशिश कर चुकी हैं। पूछताछ के दौरान हनी ट्रैप के ये किरदार एक दूसरे से न सिर्फ झगड़े बल्कि एक दूसरे को फंसाने के आरोप भी लगाते रहे।
किसे बचाने के लिए हटाए गए पलालिया थाना प्रभारी?
इस मामले में लापरवाही को देखते हुए पलालिया थाना प्रभारी पर भी गाज गिर चुकी है। कहा जा रहा है कि एक पार्टी के बड़े रसूखदारों को बचाने के लिए पलासिया थाने के प्रभारी को हटाया गया है लेकिन पुलिस का कहना है कि थाना प्रभारी नारकोटिक्स के पुराने मामले में लाइन अटैच किया है।
कौन-कौन हुआ हनीट्रैप का शिकार?
अपने इन हाईप्रोफाइल शिकार के जरिए इस गैंग ने करोड़ों रुपए जमा किए। सूत्रों की माने कि अब तक इनके पास से 90 ऐसे वीडियो मिले हैं जिनमें 20 से ज्यादा IAS, IPS अफसरों के साथ नेताओं के भी वीडियो हैं। बताया जा रहा है कि इन महिलाओं ने एक पूर्व मुख्यमंत्री, दो मंत्री, तीन पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, 14 IAS अफसर, 9 IPS अफसरों को अपना शिकार बनाया।
पूर्व सांसद ने की खुदकुशी की कोशिश!
सूत्रों की मानें तो एक पूर्व सांसद की एक महिला के साथ पोर्न क्लिप सामने आने के बाद ये नेताजी सदमे में आ गया। हालात इतने खराब हो गए कि उन्होंने खुदकुशी की कोशिश भी की। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री ने बीच बचाव का रास्ता निकाल कर पूरा मामला एक करोड़ रुपए में निपटाया।
चुनाव से पहले आरोपी महिला को भेजा गया दुबई!
बताया जाता है कि चुनाव के ऐन पहले आरोपी महिला को दुबई भेजा गया जहां वो 10 महीने रहने के बाद वापस भोपाल लौटी। महिला भोपाल के बेहद पॉश इलाके रिवेरा टाउन में रहती थी, जहां पर अधिकतर पूर्व मंत्रियों और वर्तमान कमलनाथ सरकार के मंत्री और विधायकों के भी घर हैं। सूत्रों की मानें तो यहीं से ये महिला साजिश बैठकर रचती थी।इस महिला ने अपना रसूख जमाने के लिए एक विधायक का घर 35 हजार रुपए महीने पर लिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दिलवाया बंगला!
बताया जा रहा है कि जिस बंगल मे ये महिला रहती है, उसे एक पूर्व मुख्यमंत्री ने उसे दिलवाया है। खबर तो ये भी है कि गैंग ऑफ ब्लेकमैलर की सूबे की एक बड़ी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले ड्राइवर के साथ उसका एक अश्लील वीडियो भी वायरल हुआ। इस मामले में क्लीनचिट पाने के लिए उसने एक पूर्व मुख्यमंत्री की मदद ली। इस महिला से रिश्तों के चलते इन पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों पर दबाव डालकर श्वेता को क्लीन चिट भी दिलवाई।
लेडी गैंग बना रखी थी 100 लोगों की लिस्ट
48 साल की ये महिला एक एक निजी कम्पनी की मालकिन है। जो इसने पार्टनरशिप में शुरू की है। करीब 3 साल पहले शुरू की गई इस कम्पनी का काम थर्मल इन्सुलेशन उत्पादों को बनाना और बेचने का है। इसी के घर से पुलिस ने कार्रवाई के दौरान करीब 14 लाख रुपये बरामद किए थे। इसके पास मर्सिडीज और ऑडी जैसी लग्जरी कार हैं। ये वैसे तो सागर की रहने वाली है लेकिन बीते कई सालों से भोपाल की मिनाल रेसीडेंसी में रह रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस लेडी गैंग ने उन 100 लोगों की लिस्ट भी बना ली थी जिन्हें अपने जाल फांसकर ये करोड़ों रुपए कमाने की चाहत पाले हुए थी। इनमें से इन्होंने 40 लोगों को अपने जाल में फांस भी लिया था।