नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस संकट को अवसर में बदलने की बात कही। उन्होनें कहा कि मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात बताने का प्रयास करता हूं, जब कोरोना संकट शुरू हुआ तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी, एन 95 मास्क का भारत में नाम मात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख पीपीई किट और 2 लाख एन 95 मास्क बनाए जा रहे हैं, ये हम इसलिए कर पाए क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दियाआपदा को अलवसर में बदलने की भारत की यह दृष्टि, आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों आज विश्व में आत्मनिर्भर शब्द के मायने पूरी तरह बदल गए हैं। वैश्विक संसरार में आत्मनिर्भरता की परिभाषा बदल रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जरूरत की चीजों के विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुये मंगलवार को जनता से ‘लोकल पर वोकल बनने’ यानी स्थानीय उत्पादों को महत्व देने और उनकी मांग बढ़ाने के साथ ही उनका प्रचार करने पर भी जोर दिया। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार पर अंकुश के लिये लागू लॉकडाउन के तीसरे चरण के समाप्त होने से पांच दिन पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के इस दौर में ‘लोकल’ ने ही हमें बचाया है। स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों ने ही आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है, हमें इसे ही अपने आत्मनिर्भर बनने का मंत्र बनाना चाहिये।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाना है। यह सब आत्मनिर्भरता, आत्मबल से ही संभव होगा। उन्होंने कहा, ‘‘समय की मांग है कि भारत हर प्रतिस्पर्धा में जीते, सरकार जो आर्थिक पैकेज घोषित कर रही है उसमें अनेक प्रावधान किये गये हैं, इससे क्षमता बढ़ेगी, गुणवत्ता बेहतर होगी।’’ मोदी ने स्थानीय उत्पाद के मामले में खादी और हथकरघा का उदाहरण देते हुये कहा कि ‘‘आपसे मैंने इन उत्पादों को खरीदने का आग्रह किया तो इन उत्पादों की बिक्री रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई। इसका काफी अच्छा परिणाम मिला।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वायरस ने पूरी दुनिया को तहस - नहस कर दिया, सारी दुनिया जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। यह मानव जाति के लिये अकल्पनीय है।
उन्होंने कहा, ‘‘में बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा यह इस संकट से भी विराट होगा।’’ मोदी ने सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिये 20 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुये कहा यह पैकेज 2020 में आत्मनिर्भर भारत को नई गति देगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण लंबा बना रहेगा। ऐसे में हमें इसके साथ रहकर जीना सीखना होगा। ‘‘हम मास्क पहनेंगे और दो गज की दूरी रखकर काम करेंगे। ऐसा करते हुये हम अपने लक्ष्यों को नहीं छोडेंगे।’’ भारत में 25 मार्च को काम धंधे और आवागमन पर राष्ट्रव्यापी रोक लगा दी गयीथी ताकि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम की जा सके। इसी तीन चरण में 17 मई तक बढ़ा दिया गया है पर 20 अप्रैल से काम धाम के लिए कुछ ढील दी गयी है। कोरोना से देश में संक्रमित लोगों की संख्या 70 हजार से ऊपर पहुंच गयी है और दो हजार से अधिक लागों की मौत हुई है।