कोरोना वायरस ने इस समय दुनिया के 150 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। यूरोप में इटली स्पेन और फ्रांस जैसे देशों में हर रोज सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। लेकिन जिस चीन से यह वायरस दुनिया भर में फैला है वहां पर अब इस वायरस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। भारत में भी यह वायरस काफी घातक तरीके से फैल रहा है। ऐसे में हर कोई यही जानना चाह रहा है कि चीन ने ऐसे कौन से उपाय किए जिससे इतने कम समय में कोरोना वायरस पर काबू पाना संभव हो सका।
यही जानने के लिए इंडिया टीवी ने चीन में मौजूद भारतीय डॉक्टर अमित व्यास से बातचीत की। डॉ. अमित ने बताया कि इस वायरस पर काबू पाने के पीछे प्रमुख कारण लोगों का अनुशासन और सरकार की सख्ती थी। खासतौर पर कोरोना वायरस को रोकने के लिए लोगों ने सरकार का इंतजार नहीं किया बल्कि खुद अपने स्तर पर कदम उठाए। उन्होंने बताया कि लोकल बसें बिल्कुल बंद थीं, लोग सिर्फ अपने वाहन इस्तेमाल करते थे। लेकिन 3 दिन एक बार अपना वाहन इस्तेमाल करने की अनुमति थी।
लोगों की जागरुकता से बनी बात
चीन को नवंबर दिसंबर के समय कुछ केस मिले थे, उसके बाद यहां पर पब्लिक खुद जागरूक थी। यहां सरकार ने भी सख्ती से कदम उठाए, लेकिन लोगों ने सरकार का इंतजार नहीं किया, खुद जागरूक होकर कदम उठाए। पब्लिक ने खुद अपने स्तर पर अपने मोहल्ले में लोग तैनात किए हुए थे जो लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोक रहे थे, कोई व्यक्ति अगर घर से बाहर निकलना चाहता था तो उसे 3 दिन बाद निकलने की अनुमति होती थी और उसके तापमान का जांच होने के बाद ही मोहल्ले के अंदर या बाहर किया जाता था। हर मोहल्ले के बाहर एक क्लीनिक शुरू कर दिया गया था जहां पर डॉक्टर और नर्सों को बैठाकर रखा गया था।
हाइजीन पर दिया ध्यान
काई भी व्यक्ति बिना मास्क के बाहर नहीं जाता था, लोगों को हाईजीन प्रति जागरूक थे, खुद अपने यहां खाने पीने की सुविधा रखी थी, बाहर से सामान आता था तो खुद उसको साफ करते थे। कोरोना वायरस को रोकने के लिए लोगों ने सरकार का इंतजार नहीं किया बल्कि खुद अपने स्तर पर कदम उठाए।