चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को गुमनाम पत्र मिला था। यह पत्र राम रहीम की दो शिष्याओं ने भेजा था।
2002 : गुरमीत राम रहीम सिंह के दो महिला शिष्याओं ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को गुमनाम पत्र लिखकर बाबा राम रहीम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया।
जुलाई, 2002 : पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की जुलाई, 2002 में रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी गई। सिंह की हत्या डेरा के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई, क्योंकि वह संप्रदाय के मुख्यालय में चल रही सारी गतिविधियों के बारे में जानते थे।
अक्टूबर, 2002 : सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की डेरा के कार्यकर्ताओं द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्होंने अपने स्थानीय अखबार 'पूरा सच' में सिरसा के पास स्थित डेरा के मुख्यालय में चल रही संदेहपूर्ण गतिविधियों के बारे में लिखा था।
नवंबर, 2003 : डेरा प्रमुख द्वारा साध्वियों के साथ किए गए दुष्कर्म के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने CBI को जांच के आदेश दिए।
दिसंबर, 2003 : डेरा प्रमुख के खिलाफ CBI ने जांच शुरू की।
जुलाई, 2007 : दुष्कर्म मामले में डेरा प्रमुख के खिलाफ CBI ने आरोप-पत्र दाखिल किया।
2007-17 : दुष्कर्म मामले में 10 साल के दौरान करीब 200 बार सुनवाई हुई। निचली अदालत (पहले अंबाला और हरियाणा में स्थित) द्वारा दी गई जमानत पर डेरा प्रमुख जेल से बाहर रहे।
डेरा प्रमुख ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस कारण ट्रायल कोर्ट (विशेष CBI अदालत) में चल रही सुनवाई में देरी हुई।
अगस्त, 2017 : ट्रायल कोर्ट में मामले की सुनवाई समाप्त हुई। कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में 25 अगस्त को फैसले सुनाने का ऐलान किया और इस मौके पर गुरमीत राम रहीम सिंह को अदालत में हाजिर रहने को कहा गया।