- यह मामला करीब एक साल पहले 2013 में उछला था। धीरे-धीरे यह फैलता गया। म.प्र. उच्च न्यायालय की निगरानी में अब STF इसकी जांच कर रहा है।
- यह भर्ती घोटाला आरोपियों और गवाहों की मौत के साथ हर दिन और भी रहस्यमयी होता जा रहा है लेकिन SIT संदिग्ध मौतों में से कई मामलों को सामान्य मान रही है।
- उसका तर्क है कि जब लोग जांच के घेरे में होते हैं तो तनाव या डर के मारे खुदकुशी कर सकते हैं। ऐसे कई रिकॉर्ड STD ने SIT को सौंपे हैं जिनसे ये साफ होता है कि कई लोगों के नाम जांच के दौरान आए, उनकी एफआईआर दर्ज होने से पहले ही मौत हो चुकी है।