नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में परीक्षा और भर्ती घोटाला आरोपियों और गवाहों की मौत के साथ हर दिन और भी रहस्यमयी होता जा रहा है। 2-G मामले ने जिस तरह UPA सरकार की अलोकप्रियता की बुनियाद डाली थी, लगभग उसी तरह मध्य प्रदेश का व्यापम घोटाला भारतीय जनता पार्टी के गले की हड्डी बनती जा रही है। इसमें घोटाले में शिवराज सिंह चौहान व्यक्तिगत रूप से घिरे हैं।
इस घोटाले से सबसे पहले पर्दा तब उठा जब 7 जुलाई, 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर में पीएमटी की प्रवेश परीक्षा में कुछ छात्र फर्जी नाम पर परीक्षा देते पकड़े गए।
इसके साथ ही पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड डॉक्टर जगदीश सागर को गिरफ्तार किया। डॉक्टर जगदीश सागर की गिरफ्तकारी के बाद पता चला कि मध्य प्रदेश का व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम का दफ्तर इस धंधे का अहम अड्डा है।
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