नई दिल्ली: पाकिस्तान के स्थित ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर शुक्रवार को सैंकड़ों की भीड़ ने पत्थरबाजी की जिस वजह से ननकाना साहिब में पहली बार भजन कीर्तन को रोकना पड़ा। ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित एक शहर है। इसका नाम सिखों के पहले गुरू गुरू नानक देव जी के नाम पर पड़ा है। गुरु नानक जी का जन्म स्थान होने के कारण यह स्थान सिख मत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। जहां एक भव्य एवं दिव्य गुरुद्वारा है। महाराजा रणजीत सिंह ने गुरु नानकदेव के जन्म स्थान पर गुरुद्वारा का निर्माण कराया था।
गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश स्थान के चारों ओर लम्बी चौड़ी परिक्रमा है। गुरुग्रंथ साहिब को मत्था टेककर श्रद्धालु इसी परिक्रमा में बैठकर शबद-कीर्तन का आनन्द लेते हैं। परिक्रमा में गुरु नानकदेव जी से संबंधित कई सुन्दर पेंटिग लगी हुई हैं। ननकाना साहिब में सुबह तीन बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है। रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमग करता ननकाना साहिब एक स्वर्गिक नजारा प्रस्तुत करता है। पवित्र सरोवर में स्नान करने वालों का सैलाब उमड़ पड़ता है। रागी साहिबान द्वारा गुरुवाणी के शबद कीर्तन का प्रवाह रात तक चलता रहता है। हॉल में बैठकर श्रद्धालु लंगर छकते हैं। पहले पंगत फिर संगत की शानदार प्रथा ढेरों गुण समेटे हुए है।
ननकाना साहिब पाकिस्तान में लाहौर के दक्षिण पश्चिम से लगभग 80 किलोमीटर और फैसलाबाद के पूर्व से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 550 वर्ष पहले यहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्म हुआ था और पहली बार उन्होंने यहीं उपदेश दिया था। ननकाना साहिब सिखों के लिए उच्च ऐतिहासिक और धार्मिक मूल्य का एक शहर है। ननकाना साहिब मूल रूप से ये रायपुर के रूप में जाना जाता है। बाद में यह गुरु नानक के जन्म के समय पर राय भोई दी तलवंडी के नाम से माना गया।