नई दिल्ली: देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्र शरजील इमाम को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है। शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद के काको के रहने वाले पूर्व जदयू नेता अकबर इमाम का बेटा है। उसके भाई का नाम मुज़म्मिल इमाम है। शरजील मुम्बई IIT से पढ़ा है और पढ़ने में काफी मेधावी रहा है। लगभग दो साल पहले शरजील के पिता अकबर इमाम की कैंसर से मौत हो गई थी। 2005 में नीतीश कुमार ने जेडीयू से टिकट भी दिया था लेकिन राजद के सच्चिदानंद यादव से 2000 वोट से हार गए थे। कांग्रेस में भी अकबर इमाम रहे हैं। अकबर गुलाम नबी आजाद के करीबी थे और लालू यादव से भी अच्छे संबंध रहे हैं।
शरजील का परिवार एक सम्पन्न परिवार है और ये लोग जहानाबाद के काको में जमींदार परिवार से आते हैं। पिता की मौत के बाद सड़क किनारे स्थित घर और दुकान के किराये से आने वाली इनकम आय का अभी प्रमुख स्रोत है। इनकी जमीन पर ही लंबे समय से पशु मेला काको में लगता आ रहा है। ये भी आय का एक स्रोत है।
छोटा भाई मुज़म्मिल इमाम राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (सेक्युलर) के युवा मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष है। इस पार्टी के सुप्रीमो जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार हैं। अरुण कुमार का इस परिवार से पुराना ताल्लुकात रहा है। अरुण कुमार के अनुसार शरजील पहले ऐसा नहीं था, वह एक मेधावी छात्र था और IIT बॉम्बे में सेकेंड टॉपर रहा था। जेएनयू में जाने के बाद शरजील की सोच और विचारधारा में फर्क आना शुरू हुआ। शरजील इमाम आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस ग्रैजुएट हैं और वर्तमान में जेएनयू से आधुनिक इतिहास पर पीएचडी कर रहा है। शरजील "विभाजन और मुस्लिम राजनीति" पर काम कर रहा है।
शरजील ने 2015 में JNU से ही Modern History से MA, फिर 2017 में M. Phil और फिर 2017 से JNU से ही Modern History में पीएचडी कर रहा है। इससे पहले शरजील 11 जुलाई 2011 से 22 फरवरी 2013 तक Juniper Network में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम किया था। 2004 में पटना के सेंट जेवियर हाई स्कूल में स्कूली शिक्षा हुई। फिर 2006 में वसंतकुंज, दिल्ली DPS में भी पढ़ा।
द वायर समेत कई वेबसाइट पर हाल के महीनों में अलग अलग मुद्दों पर शरजील लिखता भी रहा है। एक आलेख में इसने गो रक्षा के नाम पर मुस्लिमों के साथ होने वाली हिंसा और इससे संबंधित कानून के लिए बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस की सरकार को जिम्मेदार बताया है। शरजील के भाई मुजम्मिल इमाम ने एमिटी यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और माखनलाल से बैचलर इन जर्नलिज्म किया है। इसने श्रीनगर दूरदर्शन में ट्रेनी प्रोडक्शन असिस्टेंट के तौर पर काम भी किया है।
सब्जीबाग में CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिए भाषण में इसने कहा था कि सब्जीबाग में आप मुसलमान 50 हजार हैं, यदि आप एनपीआर के दौरान आने वाले कर्मचारियों को कागजात नही दें तो किसकी मजाल है कि वो आपको डिटेंशन सेंटर में डाल दे। जेल में इतनी जगह भी नहीं है। हालांकि ये अपने बड़े भाई की तरह जहरीला भाषण नहीं देता। इसका पूरा जोर एनपीआर के दौरान कर्मचारी को कोई जानकारी नहीं देने, उनका विरोध करने पर है।
मुजम्मिल पहले जदयू में प्रवक्ता और जिला महासचिव था। इसी वीडियो में उसने पिता के जेडीयू से चुनाव लड़ने और 2000 वोट से हारने की बात भी कही है। अभी राष्ट्रीय युवा समता मंच सेकुलर का प्रदेश अध्यक्ष है।
गौरतलब है कि शाहीन बाग प्रदर्शन के शुरुआती आयोजकों में से एक इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा रविवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए, 153 ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा उसके खिलाफ 16 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दिए गए एक भाषण को लेकर शनिवार को देशद्रोह का मामला दर्ज किया। असम पुलिस ने भी शरजील के भाषणों को लेकर उसके खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत एक मामला दर्ज किया है।