नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर आज अफरा-तफरी का माहौल रहा जहां राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की कोशिश कर रहे हजारों प्रदर्शनकारी किसानों ने डेरा डाल दिया है। इससे पहले पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार और आंसूगैस के गोले छोड़े जिस पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। किसानों को प्रदर्शन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश में सरकार ने घोषणा की कि मुख्यमंत्रियों की एक समिति उनकी मांगों पर विचार करेगी, लेकिन प्रदर्शनकारी जमे रहे और उन्होंने कहा कि वे आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं।
बुधवार को बंद रहेंगे गाजियाबाद के सभी स्कूल, कॉलेज
किसान आंदोलन के मद्देनजर गाजियाबाद के सभी स्कूल और कॉलेज बुधवार को बंद रहेंगे। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को इस आशय का आदेश जारी किया। माहेश्वरी ने कहा, ‘‘किसान आंदोलन के मद्देनजर एहतियात के तौर पर बुधवार को गाजियाबाद के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर मौजूद हैं। मंगलवार को उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश से रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया।
किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं: नरेश टिकैत
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से बातचीत की जिसके बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर विचार किए जाने का भरोसा दिलाया। विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने वाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर बातचीत करेंगे और आगे के रुख को तय करेंगे। मैं अकेले कोई फैसला नहीं कर सकता। हमारी समित फैसला करेगी।’’
कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस के कुछ जवानों ने उन पर लाठीचार्ज भी किया। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया। दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘आरएसएफ समेत अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के अलावा दिल्ली पुलिस के करीब 2500 जवानों को तैनात किया गया है।’’
बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली में घुसे किसान, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी की बौछार की
कृषि ऋण छूट, ईंधन के दामों में कमी जैसी अनेक मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया। मंगलवार को उन्हें बैरिकेड लगाकर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर रोका गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पहले बताया था कि ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों में लदकर आए किसानों ने उत्तर प्रदेश पुलिस के बैरिकेडों को तोड़कर दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की तेज बौछारें छोड़नी पड़ीं। नारेबाजी कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस का इस्तेमाल किया गया।
पूर्वी और उत्तर पूर्व दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू, आठ अक्टूबर तक लगी रहेगी धारा 144
किसानों की मुख्य मांगों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करना, 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों के इस्तेमाल पर लगाई गई रोक हटाना, गन्नों की खरीद का लंबित भुगतान करना आदि शामिल हैं। बीकेयू के प्रदर्शन और मार्च को देखते हुए शहर पुलिस ने सोमवार को पूर्वी और उत्तर पूर्व दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। धारा 144 आठ अक्टूबर तक लगी रहेगी। निषेधाज्ञा प्रभावित क्षेत्र में प्रीत विहार, जगतपुरी, शकरपुर, मधु विहार, गाजीपुर, मयूर विहार, मंडावली, पांडव नगर, कल्याणपुरी और न्यू अशोक नगर थाना क्षेत्र शामिल हैं।
किसान दिल्ली आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते: राहुल गांधी
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रया व्यक्त की है वहीं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने क्यों नहीं दिया गया। वर्धा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के मौके पर दिल्ली सीमा पर किसानों की बर्बरता से पिटाई की गई। उन्होंने कहा कि किसान राष्ट्रीय राजधानी में अपनी शिकायत भी नहीं रख सकते।
हरिद्वार में टिकैत घाट से 23 सितंबर को शुरू हुई यात्रा में उत्तर प्रदेश के अनेक हिस्सों से किसान शामिल हुए हैं। केजरीवाल ने कहा कि किसानों को मार्च करने से रोकना गलत है।