नई दिल्ली. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच आरएसएस से संबद्ध संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने खामियों को दूर करने के लिए कानून में कुछ संशोधन करने का रविवार को सुझाव दिया और जोर देकर कहा कि सरकार इन कानूनों को नेक नीयत से लाई है। एसजेएम द्वारा पारित एक प्रस्ताव के मुताबिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी जानी चाहिए तथा एमएसपी से नीचे खरीद को गैर कानूनी घोषित करना चाहिए।
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इसमें कहा गया कि सिर्फ सरकार ही नहीं निजी कंपनियों को भी एमएसपी से कम दर पर खरीद से रोका जाना चाहिए। एसजेएम के सह-समन्वयक अश्वनी महाजन ने कहा, ‘‘स्वदेशी जागरण मंच को ऐसा लगता है कि खरीद करने वाली कंपनियां किसानों का शोषण कर सकती हैं। अत: कृषि उत्पाद बाजार समितियों से बाहर खरीद को मंजूरी देने पर किसानों को एमएसपी की गारंटी दी जाए और उससे कम में खरीद को गैर कानूनी घोषित किया जाए।’’
भाजपा उत्तर प्रदेश में शुरू करेगी किसान सम्मेलन
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर सोमवार से किसान सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। केंद्र द्वारा लाये गये कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को देखते हुए पार्टी ने यह कदम उठाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक को लेकर किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दशकों तक जिन दलों ने सत्ता में रहते हुए किसानों को छला वही लोग आज ऐतिहासिक क़ानूनों को लेकर किसानों में भ्रम फैला रहे हैं।पढ़ें- 'महामारी के दौरान अगले चार से छह महीने बहुत बुरे हो सकते हैं'
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और राज्य की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में गांव, गरीब ,किसान है और केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानून किसानों को ज्यादा अवसर व विकल्प प्रदान करने वाले हैं। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने रविवार को एक विज्ञप्ति के जरिये पार्टी द्वारा सम्मेलन करने की जानकारी दी। दीक्षित के मुताबिक 14 दिसंबर, सोमवार से शुरू होकर यह सम्मेलन 18 दिसंबर तक चलेंगे।