गाजियाबाद. कृषि कानून (Farms Laws) के खिलाफ किसानों का 80 दिन से विरोध प्रदर्शन (Kisan Andolan) चल रहा है, ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर आंदोलन के कारण NH-24 बन्द है। जिससे आसपास के लोगों को परेशानी हो रही है। किसान आंदोलन के विरोध में कुछ लोगों ने आज धरना दिया है। दरअसल गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने डेरा डाला हुआ है, ऐसे में गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद से प्रशासन द्वारा बेरिगेट लगाए गए हैं, ताकि किसानों को दिल्ली आने से रोका जा सके।
गाजियाबाद से दिल्ली आने-जाने में स्थानीय लोगो को घंटो तक सड़को पर इंतजार करना पड़ रहा है, ऐसे में आज 10 से 12 स्थरनीय लोग किसान आंदोलन के खिलाफ धरने पर बैठे। उनकी मांग थी कि इस आंदोलन को जल्द से जल्द खत्म होना चाहिए, हम लोग अब इस आंदोलन से परेशान हो रहें हैं। किसान आंदोलन के विरोध में बैठे स्थानीय लोगों का कहना था, "सड़को को बंद करने से कौन सा विरोध हो रहा है, हम लोगों को सुबह दफ्तर जाने में परेशानी हो रही है।"
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हालांकि धरने पर बैठे लोगों ने कुछ देर बाद अपना धरना खत्म कर दिया और सभी ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपने की बात कहीं और जल्द इस आंदोलन को समाप्त कराने को कहा।
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समझौते पर पहुंचने तक प्रदर्शनकारी किसान घर नहीं लौटेंगे : टिकैत
भारतीय किसान युनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में किसान नेताओं की बैठक करने के कार्यक्रम का खुलासा करते हुये कहा कि केंद्र सरकार जब तक किसानों के साथ किसी समझौते पर नहीं पहुंच जाती है तब तक दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान घर नहीं लौटेंगे । टिकैत की यह टिप्पणी उनके पहले के बयानों से अलग है जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक कानून वापस नहीं लिये जाते हैं तब तक घर वापसी नहीं होगी। यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या यह उनके रूख में किसी तरह के बदलाव को दर्शाता है।पढ़ें- रोहतक के जाट कॉलेज में कल रात ताबड़तोड़ फायरिंग, हमले में 2 महिला पहलवान समेत 5 की मौत
सरकार किसान संगठनों से कहती आ रही है कि वह इन कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की बजाये किसी दूसरे विकल्प पर विचार करें। उन्होंने कहा कि सरकार को किसान संगठनों के साथ बातचीत करनी होगी। टीकरी सीमा ‘दलाल खाप 84’ की ओर से आयोजित महापंचायत को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार कमेटी से बातचीत कर किसी समझौते पर नहीं पहुंच जाती है।’’
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उन्होंने दावा किया यह आंदोलन पूरे देश में फैला हुया है और यह केवल पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश तक सीमित नही है जैसा कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में और महापंचायत आयोजित की जायेगी। उन्होंने बताया कि वे गुजरात जायेंगे । टिकैत ने आरोप लगाया कि गुजरात के किसानों पर आंदोलन का समर्थन नहीं करने के लिये दबाब बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग गुजरात एवं अन्य राज्यों में भी बैठक करेंगे।’’ (Input- IANS & Bhasha)
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