चंडीगढ़. हरियाणा के करनाल में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद के बाद दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों में गुस्सा है। कई दलों ने करनाल में हुए लाठीचार्ज की निंदा भी की है। इस बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी मामले पर बयान दिया है। मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि अधिकारी के शब्दों का चयन ठीक नहीं था। अधिकारी पर एक्शन को लेकर उन्होंने कहा कि कार्रवाई होगी या नहीं होगी, पहले इस मुद्दे को प्रशासन देखेगा और उसके बाद हम देखेंगे, सारी जांच डीजीपी कर रहे हैं और जो रिपोर्ट देंगे उस लिहाज से कार्रवाई करेंगे। उनको यह शब्द नहीं बोलने चाहिए थे, लेकिन सख्ती नहीं करनी चाहिए नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि वहां पर पार्टी की हमारी प्रदेश स्तर की बैठक थी, जिसमें सभी विधायक, मंत्री, सांसद और मुख्यमंत्री तथा प्रदेश अध्यक्ष थे। 200 लोगों की बैठक थी, लेकिन विरोध की योजना बनाई एक दिन पहले बनाई गई। हमारे देश में सवैधानिक तरीके से जो लोकतंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए उसका सभी को पालन करना चाहिए और प्रशासन तथा शासन को उस व्यवस्था को बहाल करना जिम्मेदारी होती है।
उन्होंने कहा कि महीने भर पहले 2 जगह पर आंदोलनकारियों और प्रशासन के बीच समझौता हुआ कि प्रदर्शन लोकतांत्रिक तरीके से करेंगे, जिसमें नारे लगाना और झंडे दिखाने की पूरी छूट है लेकिन किसी के रास्ते में व्यवधान डालना, यह उसमें कहीं नहीं है। यह समझौता हो चुका था। इसके बाद यह घटना होना कि हम किसी को जाने नहीं देंगे वहां पर, एक सिरसा में घटना हुई जहां डिप्टी स्पीकर की गाड़ी को रोका गया।
मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "उनको इस आंदोलन का लाभ नहीं हो रहा है बल्कि नुकसान हो रहा है, ये मैं उनको चेतावनी दे रहा हूं, समाज उनके खिलाफ खड़ा हो रहा है बहुत बड़ी संख्या नहीं है, लेकिन वे हमारे लोग हैं, घर में अगर बालक बिगड़ जाए तो तो घर का बड़ा उस बालक को एक सीमा में रहकर सजा देता है। संविधान में दी गई हर स्वतंत्रता की सीमा है। उसी स्थान पर इन्होंने मेरा हेलीकॉप्टर नहीं उतरने नहीं दिया था, हरियाणा को उन्होंने गलत चुन लिया है आंदोलन चलाने के लिए इसमें पंजाब का हाथ है, वरना राजोवाल मुख्यमंत्री को लड्डू खिलाते नहीं दिखता।"